69,000 शिक्षक भर्ती के उम्मीदवारों का लखनऊ में हंगामा: मंत्री आवास के बाहर नियुक्तियों की मांग
के कुमार आहूजा 2024-09-04 16:25:11
69,000 शिक्षक भर्ती के उम्मीदवारों का लखनऊ में हंगामा: मंत्री आवास के बाहर नियुक्तियों की मांग
लखनऊ में 69,000 शिक्षक भर्ती के उम्मीदवारों ने अपनी नियुक्तियों की मांग को लेकर कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल के आवास के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। ये उम्मीदवार उच्च न्यायालय के आदेशानुसार नियुक्तियों की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारी न केवल आशीष पटेल के बल्कि अनुप्रिया पटेल के आवास को भी घेरने में कामयाब रहे, और अधिकारियों को हटाने की मांग की, जिन्हें पिछली सूची के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
प्रदर्शन की शुरुआत और पृष्ठभूमि:
69,000 शिक्षक भर्ती मामले को लेकर उत्तर प्रदेश में लंबे समय से विवाद चल रहा है। उम्मीदवारों का आरोप है कि उनके साथ न्याय नहीं किया गया और भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताएँ हुईं। उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद उन्हें नियुक्ति नहीं मिली, जिससे वे असंतुष्ट हो गए और विरोध करने के लिए मजबूर हुए।
प्रदर्शनकारियों का रोष और मांग:
प्रदर्शनकारी उम्मीदवारों का कहना था कि वे उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार तुरंत नियुक्तियाँ चाहते हैं। इसके अलावा, उन्होंने उन अधिकारियों को हटाने की मांग की, जिन्होंने पिछली भर्ती सूची में गड़बड़ियाँ की थीं। प्रदर्शनकारियों ने अपने गुस्से का इज़हार करते हुए आशीष पटेल और अनुप्रिया पटेल के आवास के बाहर जोरदार नारेबाजी की।
पुलिस और प्रशासन की प्रतिक्रिया:
प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की और प्रदर्शनकारियों से बातचीत की, लेकिन प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े रहे। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए कड़े कदम उठाए, लेकिन प्रदर्शनकारी अपनी जगह से हिलने को तैयार नहीं थे।
मामले की जाँच और अगले कदम:
प्रदर्शनकारियों की मांगों के बाद, सरकार ने मामले की जांच के लिए एक विशेष समिति गठित करने का आश्वासन दिया। सरकार ने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश का पालन किया जाएगा और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उम्मीदवारों की निराशा और भविष्य की योजनाएँ:
उम्मीदवारों ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला, तो वे आगे की कानूनी कार्रवाई करेंगे और अपना आंदोलन तेज करेंगे।
बहरहाल, लखनऊ में 69,000 शिक्षक भर्ती के उम्मीदवारों का प्रदर्शन यह दिखाता है कि कैसे एक बड़ी संख्या में लोग अपनी समस्याओं के समाधान के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह सरकार के लिए एक बड़ा सबक है कि वह अपने वादों और न्यायिक आदेशों का पालन करें और भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाएं।