भारत की रक्षा क्षमता में बड़ा इजाफा: ₹1,44,716 करोड़ की 10 महत्वपूर्ण अधिग्रहण योजनाओं को मंजूरी


के कुमार आहूजा  2024-09-04 12:38:39



भारत की रक्षा क्षमता में बड़ा इजाफा: ₹1,44,716 करोड़ की 10 महत्वपूर्ण अधिग्रहण योजनाओं को मंजूरी

भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को और मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार ने मंगलवार को 10 बड़ी पूंजीगत अधिग्रहण योजनाओं को मंजूरी दी है। इनमें मुख्य रूप से भारतीय सेना के टैंक बेड़े का आधुनिकीकरण और भविष्य की युद्ध क्षमताओं को सशक्त बनाने की योजना शामिल है। इस कदम से रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी उत्पादन को भी बड़ा बढ़ावा मिलेगा।

रक्षा अधिग्रहण परिषद का निर्णय:

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) की बैठक में कुल ₹1,44,716 करोड़ की 10 अधिग्रहण योजनाओं को मंजूरी दी गई। इनमें से 99 प्रतिशत धनराशि स्वदेशी स्रोतों से खर्च की जाएगी, जो कि Buy (Indian) और Buy (Indian-indigenously designed, developed and manufactured) श्रेणियों के तहत आती है। यह फैसला भारतीय रक्षा उत्पादन क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भारतीय सेना के टैंक बेड़े का आधुनिकीकरण:

इन अधिग्रहण योजनाओं में सबसे महत्वपूर्ण योजना भारतीय सेना के टैंक बेड़े के आधुनिकीकरण की है। इसमें भविष्य के लिए तैयार मुख्य युद्धक टैंक (FRCV) का अधिग्रहण शामिल है, जो बेहतर गतिशीलता, सभी प्रकार की धरातल की क्षमता, बहुस्तरीय सुरक्षा, सटीक और विध्वंसक फायरिंग के साथ वास्तविक समय की स्थितिजन्य जागरूकता से लैस होगा। इस टैंक का निर्माण पूरी तरह से स्वदेशी कंपनियों द्वारा किया जाएगा, जिससे देश की रक्षा उत्पादन क्षमता को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।

वायु रक्षा और निगरानी उपकरण:

सरकार ने वायु रक्षा फायर कंट्रोल रडार की खरीद के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है, जो हवाई लक्ष्यों का पता लगाने और उनका ट्रैक करने के साथ-साथ फायरिंग समाधान प्रदान करेगा। इसके अलावा, Forward Repair Team (Tracked) की खरीद भी मंजूर की गई है, जो मशीनीकृत अभियानों के दौरान मौके पर ही मरम्मत करने की क्षमता रखता है। इस उपकरण को आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है और इसे मशीनीकृत इन्फैंट्री बटालियनों और आर्मर्ड रेजिमेंट्स के लिए अनुमोदित किया गया है।

भारतीय तटरक्षक बल की क्षमताओं में इजाफा:

भारतीय तटरक्षक बल (ICG) की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए तीन महत्वपूर्ण AoNs (Acceptance of Necessity) को भी मंजूरी दी गई है। इसमें डॉर्नियर-228 विमान, उन्नत तकनीकी क्षमताओं वाले अगली पीढ़ी के तेज गश्ती पोत और उन्नत लॉन्ग-रेंज ऑपरेशन्स के लिए अगली पीढ़ी के ऑफशोर पेट्रोल वेसल शामिल हैं। ये उपकरण समुद्री क्षेत्र की निगरानी, गश्त, खोज और बचाव और आपदा राहत अभियानों में तटरक्षक बल की क्षमता को बढ़ाएंगे।

स्वदेशी उत्पादन के प्रति प्रतिबद्धता:

केंद्र सरकार का यह कदम देश के स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। इन अधिग्रहणों के तहत बनाए जाने वाले उपकरणों का लगभग पूरा निर्माण देश के भीतर ही किया जाएगा। इससे न केवल भारत की रक्षा क्षमता में इजाफा होगा, बल्कि स्वदेशी उद्योगों को भी बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर मिलेंगे।

दिवंगत तटरक्षक महानिदेशक राकेश पाल को श्रद्धांजलि:

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक के दौरान दिवंगत भारतीय तटरक्षक महानिदेशक राकेश पाल को भी श्रद्धांजलि दी, जो कि DAC के सदस्य थे और जिनका 18 अगस्त को चेन्नई में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। उनकी स्मृति में, इस महत्वपूर्ण बैठक में उनके योगदान को याद किया गया और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई।

बहरहाल, केंद्र सरकार का यह निर्णय भारतीय रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने और देश की सुरक्षा को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्वदेशी स्रोतों से इतनी बड़ी राशि के अधिग्रहणों को मंजूरी मिलना न केवल आत्मनिर्भर भारत अभियान को समर्थन प्रदान करता है, बल्कि यह भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमताओं को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाला साबित होगा।


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