भ्रष्टाचार का काला चेहरा उजागर, सूरत में आप पार्षद विपुल सुहागिया रंगे हाथों गिरफ्तार


के कुमार आहूजा  2024-09-04 07:22:48



भ्रष्टाचार का काला चेहरा उजागर, सूरत में आप पार्षद विपुल सुहागिया रंगे हाथों गिरफ्तार

गुजरात के सूरत में एक बड़ी कार्रवाई के तहत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने आम आदमी पार्टी (AAP) के पार्षद विपुल सुहागिया को गिरफ्तार किया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने एक ठेकेदार से मल्टी-लेवल पार्किंग के ठेके के लिए 10 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। इस गिरफ्तारी से सूरत में राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया है, और यह भ्रष्टाचार के खिलाफ की गई एक महत्वपूर्ण कार्रवाई मानी जा रही है।

रिश्वत की मांग से शुरू हुआ मामला

यह मामला तब सामने आया जब एक ठेकेदार ने एसीबी को शिकायत दर्ज कराई कि सूरत नगर निगम के आप पार्षद विपुल सुहागिया ने मल्टी-लेवल पार्किंग के ठेके के लिए उनसे 10 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। ठेकेदार की शिकायत के आधार पर एसीबी ने इस मामले की जांच शुरू की और आरोपों की सत्यता की पुष्टि की।

एसीबी का जाल और गिरफ्तारी

शिकायत की पुष्टि के बाद, एसीबी ने योजना बनाकर सुहागिया को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के समय उनके पास से रिश्वत की मांग से संबंधित कुछ दस्तावेज और सबूत भी बरामद किए गए हैं। इस गिरफ्तारी के बाद सूरत की राजनीति में हड़कंप मच गया है, और यह मामला शहर में चर्चा का विषय बन गया है।

आप पार्टी की प्रतिक्रिया

इस गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के स्थानीय और राज्यस्तरीय नेतृत्व से इस मामले पर प्रतिक्रिया देने की उम्मीद की जा रही है। पार्टी ने अब तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन सूरत में विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर आप पर हमला बोल दिया है।

स्थानीय निवासियों और राजनीतिक हलकों में हलचल

इस घटना के बाद सूरत के स्थानीय निवासियों में भी काफी आक्रोश है। लोग इस तरह की घटनाओं से निराश हैं और उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है। वहीं, राजनीतिक हलकों में भी इस गिरफ्तारी को लेकर काफी चर्चा हो रही है, और यह मामला आने वाले चुनावों में भी महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकता है।

एसीबी की भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई

यह गिरफ्तारी एसीबी की भ्रष्टाचार के खिलाफ की गई एक महत्वपूर्ण कार्रवाई मानी जा रही है। एसीबी ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए जनता को यह संदेश देने की कोशिश की है कि भ्रष्टाचार के मामलों में कोई भी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा क्यों न हो।

क्या यही है इंडिया अगेंस्ट करप्शन

उल्लेखनीय है कि इंडिया अगेंस्ट करप्शन नामक अभियान से जन्मी आम आदमी पार्टी के छोटे से लेकर बड़े नेताओं तक आज भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं ऐसे में इस पार्टी के एक पार्षद का रंगे हाथो गिरफ्तार होना कहीं ना कहीं पार्टी की विचारधारा पर सवाल खड़े कर रहा है। जिस पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं के चयन को लेकर एक रणनीति की घोषणा की थी कि आम जनता से राय लेकर इम्मंदार आदमी को ही पार्टी से जोड़ा जाएगा और जिम्मेदारी दी जाएगी। ऐसे में यह सवाल भी पैदा हो रहा है कि क्या पार्टी ने अपनी रणनीति बदल दी है या किसी के कहने पर पार्टी की पालिसी को दरकिनार करते हुए ऐसे लोगों को पार्टी में ना सिर्फ शामिल कर लिया गया बल्कि उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां भी प्रदान कर दी हैं।


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