झारखंड के कुड़िया गांव में डायरिया का कहर: 16 लोग हुए बीमार, डॉक्टरों की टीम ने संभाली स्थिति
के कुमार आहूजा 2024-09-02 18:03:57
झारखंड के कुड़िया गांव में डायरिया का कहर: 16 लोग हुए बीमार, डॉक्टरों की टीम ने संभाली स्थिति
झारखंड के पाकुड़ जिले के कुड़िया गांव में डायरिया का प्रकोप तेज हो गया है। इस गांव में दूषित पानी के सेवन से 16 लोग डायरिया से प्रभावित हो गए। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत एक 10-सदस्यीय डॉक्टरों की टीम को गांव भेजा, जिन्होंने तत्काल इलाज शुरू किया और अब स्थिति नियंत्रण में है। डॉक्टरों ने गांव में फैली इस बीमारी को लेकर लोगों को सतर्क किया और साफ पानी पीने की सलाह दी।
दूषित पानी बना डायरिया का कारण
पाकुड़ जिले के कुड़िया गांव में डायरिया का प्रकोप फैलने का प्रमुख कारण दूषित पानी बताया जा रहा है। गांव के निवासियों के अनुसार, बारिश के बाद पानी के स्त्रोत दूषित हो गए, जिसके कारण यह बीमारी फैलने लगी। गांव के कई बच्चे और बुजुर्ग भी इस बीमारी की चपेट में आ गए, जिससे गांव में भय का माहौल बन गया है।
स्वास्थ्य विभाग की त्वरित कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग ने त्वरित कार्रवाई की। डॉ. आनंद कुमार के नेतृत्व में एक 10 सदस्यीय डॉक्टरों की टीम को गांव भेजा गया, जिन्होंने तुरंत बीमार लोगों का इलाज शुरू किया। डॉक्टरों ने बताया कि सभी मरीजों की हालत में सुधार हो रहा है और स्थिति अब नियंत्रण में है।
गांव में डायरिया से पीड़ितों की संख्या बढ़ी
कुड़िया गांव में डायरिया से पीड़ित लोगों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। गांव के कई और लोगों में भी इस बीमारी के लक्षण पाए गए हैं। डॉक्टरों की टीम ने सभी को दवाइयां दी हैं और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी है।
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता
इस घटना ने एक बार फिर से स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। गांव के लोग इलाज के लिए बहुत दूर स्थित स्वास्थ्य केंद्रों पर निर्भर हैं, जो इस प्रकार की आपात स्थितियों में बहुत प्रभावी नहीं हैं। ग्रामीणों ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की मांग की है ताकि ऐसी घटनाओं से निपटने में आसानी हो।
ग्रामीणों की अपील
गांव के निवासियों ने प्रशासन से साफ-सफाई और पीने के पानी की व्यवस्था सुधारने की अपील की है। साथ ही, उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से गांव में नियमित जांच और दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित करने की भी मांग की है।
सरकार और प्रशासन की भूमिका
इस घटना के बाद, सरकार और प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय पर उचित सावधानी बरती जाती तो शायद इस बीमारी का प्रकोप इतना नहीं बढ़ता। अब प्रशासन ने गांव में नियमित स्वास्थ्य जांच और जागरूकता अभियान चलाने का वादा किया है।