गाजियाबाद में साढ़े 12 लाख की धोखाधड़ी: UP पुलिस के 3 सिपाही समेत 6 गिरफ्तार


  2024-08-31 18:33:55



गाजियाबाद में साढ़े 12 लाख की धोखाधड़ी: UP पुलिस के 3 सिपाही समेत 6 गिरफ्तार

गाजियाबाद में एक चौंकाने वाले मामले का खुलासा हुआ है, जहां पुलिस ने 12.5 लाख रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में पुलिस वर्दीधारी तीन सिपाहियों समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया है। इस घटना ने पुलिस की साख पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं और लोगों में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।

धोखाधड़ी की शातिर योजना

गाजियाबाद के थाना वेव सिटी में 29 अगस्त 2024 को वादी मोहम्मद शादाब ने एक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि एक सफेद फॉर्च्यूनर कार में सवार चार व्यक्तियों ने भारतीय रुपये के बदले दुबई की मुद्रा देने के नाम पर 12.5 लाख रुपये की धोखाधड़ी की। इनमें से दो व्यक्ति पुलिस की वर्दी में थे, जिसने इस ठगी को और भी विश्वसनीय बना दिया। आरोपियों ने पैसे लेने के बाद एक पैकेट वादी को दिया, जिसमें वास्तव में नकली या अधूरी राशि थी।

साजिश का पर्दाफाश

पुलिस की जांच में यह सामने आया कि इस धोखाधड़ी की योजना का मास्टरमाइंड कोई और नहीं बल्कि वादी मोहम्मद शादाब का बहनोई, डॉ. मोहतरम था। उसने अपने साले मेहराज और वादी के पैसे हड़पने के लिए अपने पिता मोहम्मद आरिफ, नदीम, राशिद और आशू के साथ मिलकर यह साजिश रची थी। इसमें तीन पुलिस कर्मी भी शामिल थे, जिनका मकसद इस साजिश को अंजाम देना था।

गिरफ्तारी और बरामदगी

30 अगस्त 2024 को पुलिस ने चेकिंग और मैनुअल इनपुट के आधार पर 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया। उनके कब्जे से 4,36,000 रुपये की नकदी भी बरामद की गई। इस गिरफ्तारी ने यह साबित कर दिया कि चाहे अपराधी कितने भी शातिर क्यों न हों, कानून के शिकंजे से बच नहीं सकते।

आरोपियों का बैकग्राउंड

पकड़े गए आरोपियों में से नदीम एक पूर्व अपराधी है, जो खुद को समाजवादी पार्टी का नेता बताता है। वहीं, अन्य आरोपी पुलिस विभाग में कार्यरत थे, जिनकी मिलीभगत से यह धोखाधड़ी की योजना सफल हो सकी।

आगे की कार्रवाई

गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस की पूछताछ जारी है, और यह उम्मीद की जा रही है कि इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं। साथ ही, पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि इस गिरोह में और कितने लोग शामिल हैं साथ ही कहीं इस गिरोह ने और भी लोगों को ठगने की कोशिश तो नहीं की है।

इस मामले ने जहाँ एक ओर यूपी पुलिस की छवि को धूमिल किया और जनता के विश्वास को भी प्रभावित किया है। वहीं, गाजियाबाद पुलिस की सतर्कता और त्वरित कार्रवाई ने यह साबित कर दिया कि कानून का पालन हर किसी के लिए समान है।


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