प्रीति पाल ने पेरिस पैरालिंपिक्स में जीता कांस्य पदक, बोलीं- ‘अभी भी यकीन नहीं हो रहा है!’ पेरिस पैरालिंपिक्स में भारतीय एथलीट प्रीति पाल ने देश का गौरव बढ़ाते हुए महिलाओं की T35 100 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता। यह पल उनके लिए विशेष रहा, क्योंकि यह उनक
के कुमार आहूजा 2024-08-31 16:41:18
प्रीति पाल ने पेरिस पैरालिंपिक्स में जीता कांस्य पदक, बोलीं- अभी भी यकीन नहीं हो रहा है!
पेरिस पैरालिंपिक्स में भारतीय एथलीट प्रीति पाल ने देश का गौरव बढ़ाते हुए महिलाओं की T35 100 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीता। यह पल उनके लिए विशेष रहा, क्योंकि यह उनका पहला पैरालिंपिक पदक था और उन्होंने इस मौके को अपनी जिंदगी का सबसे गर्वित क्षण बताया।
प्रीति पाल का ऐतिहासिक प्रदर्शन
प्रीति पाल ने पेरिस पैरालिंपिक्स में महिलाओं की T35 100 मीटर दौड़ में बेहतरीन प्रदर्शन कर कांस्य पदक जीता। इस जीत ने न केवल प्रीति के जीवन में एक नया अध्याय जोड़ा, बल्कि भारत के पैरालिंपिक इतिहास में भी एक और गौरवपूर्ण पन्ना लिख दिया। प्रीति ने अपनी मेहनत और संकल्प के बल पर इस मुकाम को हासिल किया।
कांस्य पदक के साथ अविश्वसनीय अहसास
प्रीति पाल ने अपने कांस्य पदक को लेकर कहा कि उन्हें अब भी यकीन नहीं हो रहा कि उनका पदक उनके पास आ चुका है। उन्होंने कहा कि यह मेरा पैरालिंपिक था, और अब पदक मेरे पास है। मैं अभी भी इस पल को स्वीकार नहीं कर पा रही हूँ। यह मेरे लिए गर्व का पल है, और मेरे पहले एथलेटिक्स पदक ने मुझे बेहद गर्वित महसूस कराया है।
देशवासियों की शुभकामनाएं
प्रीति ने अपनी इस उपलब्धि पर देशवासियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस सफलता के पीछे देश के लोगों की शुभकामनाएं और प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद, आपने मुझे गर्व महसूस कराया और मुझे प्रोत्साहित किया।
भारत के लिए गर्व का क्षण
प्रीति की इस उपलब्धि ने भारत को एक और गर्व का मौका दिया है। यह पदक न केवल प्रीति के लिए बल्कि उन सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा, जो अपने जीवन में कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों को साकार करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। प्रीति ने यह साबित कर दिया कि कड़ी मेहनत और अटूट विश्वास से कुछ भी संभव है।
आगे की तैयारी
प्रीति पाल ने इस पदक को अपनी यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव माना और कहा कि वह इससे आगे बढ़ने और और भी बड़े लक्ष्यों की ओर अग्रसर होंगी। उन्होंने अपने समर्थकों को विश्वास दिलाया कि वह आने वाले समय में और भी बेहतर प्रदर्शन करेंगी।
प्रीति पाल का यह पदक न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है। उनके संघर्ष और दृढ़ संकल्प ने यह साबित कर दिया है कि कोई भी बाधा इतनी बड़ी नहीं होती, जिसे कड़ी मेहनत से पार न किया जा सके।