रिश्वत मामले में अनोखा मोड़: एसीबी ने उजागर किया षड्यंत्र, शिकायतकर्ता खुद निकला दोषी
के कुमार आहूजा 2024-08-31 16:33:38
रिश्वत मामले में अनोखा मोड़: एसीबी ने उजागर किया षड्यंत्र, शिकायतकर्ता खुद निकला दोषी
भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में अलवर जिले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने एक ऐसा मामला उजागर किया है, जिसने सबको चौंका दिया। इस मामले में शिकायतकर्ता ही षड्यंत्र रचकर रिश्वत का झूठा आरोप लगाने में लिप्त पाया गया।
रिश्वत की झूठी शिकायत का पर्दाफाश
अलवर जिले में एसीबी को 22 अगस्त 2024 को महबूब अली नामक व्यक्ति ने एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उसने होमगार्ड आरक्षक सहजुदीन खान पर 30,000 रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाया। यह मामला शुरू में एक सामान्य ट्रेप केस की तरह दिखा, लेकिन जल्द ही जांच के दौरान इस पर संदेह उत्पन्न हुआ।
एसीबी की ट्रेप कार्रवाई और जांच
29 अगस्त 2024 को एसीबी ने ट्रेप कार्रवाई करते हुए सहजुदीन को रंगे हाथों पकड़ने की कोशिश की। हालांकि, जांच के दौरान रिकॉर्ड की गई बातचीत में विरोधाभास और संदिग्ध तथ्य सामने आए, जिससे एसीबी ने मामले की गहनता से जांच शुरू की।
षड्यंत्र का खुलासा
जांच में यह खुलासा हुआ कि महबूब अली ने अपने साथियों मकसूर और कपिल के साथ मिलकर एक षड्यंत्र रचा था। उन्होंने कपिल को सहजुदीन के रूप में प्रस्तुत कर एसीबी में फर्जी रिश्वत की मांग का सत्यापन करवाया। यह सब तीन प्लॉट के बदले 30,000 रुपये की योजना के तहत किया गया।
कानूनी कार्रवाई
इस षड्यंत्र के खुलासे के बाद, एसीबी ने महबूब अली और उसके साथियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 और सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम 2018 के तहत धोखाधड़ी और कूटकरण का मामला दर्ज कराया। अब शिवाजी पार्क पुलिस स्टेशन, अलवर शहर द्वारा आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
एसीबी की कड़ी सख्ती
यह मामला यह दर्शाता है कि एसीबी न केवल भ्रष्टाचार से लड़ रही है, बल्कि उन लोगों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई कर रही है जो इस प्रक्रिया का दुरुपयोग करने की कोशिश करते हैं। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में एसीबी की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
इस तरह के मामलों में एसीबी की सक्रियता और तत्परता यह सुनिश्चित करती है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई निष्पक्ष और प्रभावी तरीके से लड़ी जा रही है।