गहलोत सरकार के समय बने जिलों की समीक्षा हुई पूरी, कमेटी ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट
के कुमार आहूजा 2024-08-31 07:45:15
गहलोत सरकार के समय बने जिलों की समीक्षा हुई पूरी, कमेटी ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट
पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय बने जिलों की समीक्षा पूरी हो गई है। रिटायर्ड आईएएस ललित के पंवार की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है। अब सरकार रिपोर्ट के आधार पर जिलों की संख्या कम ज्यादा करने पर फैसला करेगी।
रिपोर्ट के ये हैं मुख्य आधार
पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय बने 17 नए जिलों का विधिवत परीक्षण भजनलाल सरकार ने करवा लिया है। रिटायर्ड आईएएस ललित के पंवार की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने कई बिंदुओं के आधार पर परीक्षण किया है। ललित के पंवार ने बताया कि जिलों के परीक्षण को लेकर रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है। अब सरकार इस पर फैसला करेगी। रिपोर्ट में जिलों का क्षेत्राधिकार क्या है? इस क्षेत्राधिकार में कौन-कौन से क्षेत्र शामिल हैं? जिले के क्षेत्राधिकार में कितनी पंचायतें हैं? इन पंचायत को शामिल करने का क्या आधार है? नए जिले की प्रशासनिक जरूर क्या थी? जैसे बिंदू शामिल हैं।
इसमें खास तौर पर यह तथ्यात्मक स्थिति पेश करने की कोशिश की है कि जिला बनने से पहले संबंधित जिले या क्षेत्र की जिला मुख्यालय से कितनी दूरी है? कमेटी ने वित्तीय संसाधन के आधार पर परीक्षण किया है। कमेटी ने संबंधित जिलों में दौरा करके वहां मौजूद भौतिक स्थिति का भी अध्ययन किया। इसके साथ ही यह भी आकलन किया कि नया जिला बनने पर उसके क्या वित्तीय संसाधन हैं?
ये हैं समीक्षा वाले 17 नए जिले
कमेटी ने जिन जिलों का परीक्षण किया है उसमें अनूपगढ़, गंगापुर सिटी, कोटपूतली, बालोतरा, जयपुर शहर, खैरथल, ब्यावर, नीमकाथाना, डीग, जोधपुर शहर, फलौदी, डीडवाना, सलूंबर, दूदू, केकड़ी, सांचौर और शाहपुरा शामिल हैं। इसके अलावा राजस्थान में तीन नए संभाग बनाए गए हैं, जिनमें बांसवाड़ा, पाली और सीकर शामिल हैं, इनकी भी समीक्षा की गई है। हालांकि, पत्रावली में जोधपुर और जयपुर ग्रामीण नहीं होने से ये जिले समीक्षा के दायरे में नही आए हैं।
सरकार करेगी फैसला
कमेटी ने ग्राउंड रिपोर्ट पर समीक्षा करके अपनी रिपोर्ट सिफारिशों के साथ डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में बनी कैबिनेट सब कमेटी को सौंप दी। कैबिनेट सब कमेटी पंवार कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर अपनी फाइनल रिपोर्ट तैयार करेगी। यह रिपोर्ट कैबिनेट में रखी जाएगी और फिर इस पर फैसला होगा। हालांकि, रिपोर्ट में जिलों की समीक्षा के साथ ये सुझाव भी बताए गए हैं कि सरकार किस किस जिले में संशोधन कर सकती है और उनके क्या आधार हैं। कमेटी की रिपोर्ट अभी पूरी तरह से सील बंद है, लेकिन सूत्रों की मानें तो कमेटी ने करीब एक दर्जन जिलों और 1 संभाग को गैरजरूरी माना है। हालांकि, अब कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद ही स्पष्ट होगा कि पंवार की रिपोर्ट में क्या कुछ सुझाव है।
19 जिले 3 संभाग बने थे
बता दें कि पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने पहले फेज में 19 जिले और 3 संभाग बनाने की घोषणा की थी। इसके बाद दूसरे फेज में तीन और नए जिलों की घोषणा की थी। इसमें मालपुरा, सुजानगढ़ और कुचामन को नया जिला बनाने की घोषणा की थी, लेकिन इनका नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ था। इसके बाद सरकार बदल गई। ये तीन जिले अस्तित्व में नहीं आए। बाकी जो जिले अस्तित्व में आ चुके हैं उन पर भी भजन लाल सरकार कैंची चलाने की तैयारी में है।