अवनी लेखरा ने रचा इतिहास: दो पैरालिंपिक स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला
के कुमार आहूजा 2024-08-31 06:21:31
अवनी लेखरा ने रचा इतिहास: दो पैरालिंपिक स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला
अवनी लेखरा ने इतिहास रच दिया है, जब वह पैरालिंपिक में दो स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2020 पैरालिंपिक में उनके पहले स्वर्ण पदक जीतने पर दिए गए प्रेरणादायक शब्दों को याद करते हुए, अवनी ने बताया कि कैसे पीएम के शब्दों ने उनके संघर्षों को भुलाकर आगे बढ़ने की ताकत दी।
अवनी लेखरा का ऐतिहासिक प्रदर्शन
पैरालिंपिक खेलों में अवनी लेखरा ने भारत के लिए नई ऊंचाइयों को छू लिया है। अवनी ने दो स्वर्ण पदक जीतकर न केवल देश का नाम रोशन किया, बल्कि यह भी साबित किया कि संघर्षों के बावजूद भी व्यक्ति अजेय हो सकता है। उनकी इस उपलब्धि ने पूरे देश में गर्व की लहर पैदा कर दी है।
प्रधानमंत्री मोदी के प्रेरणादायक शब्द
अवनी ने याद किया कि जब उन्होंने 2020 पैरालिंपिक में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता था, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से बधाई दी थी। पीएम मोदी ने अवनी को बताया कि उन्होंने अपने अतीत के हादसे और कठिनाइयों को भूलकर आगे बढ़ने का जो जज्बा दिखाया, वह वास्तव में काबिले तारीफ है।
पीएम मोदी के शब्दों का प्रभाव
अवनी ने कहा कि पीएम मोदी के शब्दों ने उन्हें बहुत गहराई से छू लिया और उनके जीवन में एक नया उत्साह भर दिया। उन्होंने बताया कि कैसे पीएम के शब्दों ने उन्हें और भी मजबूत बनने और अपने सपनों को साकार करने की प्रेरणा दी। अवनी का कहना है कि वह हमेशा उन शब्दों को याद रखती हैं और यही प्रेरणा उन्हें आगे बढ़ने में मदद करती है।
भारत में पैरालिंपिक खेलों का बढ़ता दबदबा
अवनी की इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद भारत में पैरालिंपिक खेलों के प्रति जागरूकता और सम्मान और भी बढ़ गया है। उनकी कहानी से न केवल पैरा-एथलीट्स को, बल्कि आम जनता को भी यह सिखने को मिला है कि किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है अगर आपके पास आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प हो।
अवनी का संदेश
अवनी का संदेश साफ है: आप अपने अतीत को बदल नहीं सकते, लेकिन आप अपने भविष्य को संवार सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि किस तरह से वह अपने अगले लक्ष्य की तैयारी कर रही हैं और कैसे वह भारत के लिए और भी बड़े पदक जीतने का सपना देख रही हैं।
इस लेख के जरिए हम अवनी लेखरा के उस जज्बे को सलाम करते हैं, जिसने न केवल उन्हें पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक दिलाया, बल्कि पूरी दुनिया में उनकी पहचान बनाई।