भारत की सामरिक शक्ति में नया आयाम: INS अरिघाट की कमीशनिंग, समुद्र की गहराइयों में छिपी भारत की नई शक्ति


  2024-08-30 20:30:54



भारत की सामरिक शक्ति में नया आयाम: INS अरिघाट की कमीशनिंग, समुद्र की गहराइयों में छिपी भारत की नई शक्ति

भारत ने अपनी सामरिक शक्ति को और मजबूती प्रदान करते हुए 29 अगस्त को अपने दूसरे परमाणु शक्ति संचालित पनडुब्बी INS अरिघाट को कमीशन किया है। यह पनडुब्बी भारतीय नौसेना की न्यूक्लिअर ट्रायड में एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में कार्य करेगी, जिससे देश की रक्षा प्रणाली और भी अधिक सुदृढ़ हो जाएगी। INS अरिघाट के कमीशनिंग के साथ ही भारत ने समुद्र की गहराइयों में छिपी अपनी परमाणु शक्ति का एक और मजबूत संदेश दुनिया को दिया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में 29 अगस्त, 2024 को विशाखापत्तनम में दूसरी अरिहंत श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस अरिघाट को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने विश्वास जताया कि अरिघाट भारत की परमाणु शक्ति को और मजबूत करेगा, परमाणु प्रतिरोध को बढ़ाएगा, क्षेत्र में रणनीतिक संतुलन और शांति स्थापित करने में मदद करेगा और देश की सुरक्षा में निर्णायक भूमिका निभाएगा। उन्होंने इसे राष्ट्र के लिए एक उपलब्धि और रक्षा में आत्मनिर्भरता हासिल करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के अटूट संकल्प का प्रमाण बताया।

INS अरिघाट की विशेषताएं: सामरिक शक्ति की नई मिसाल

INS अरिघाट, भारतीय नौसेना की सबसे नवीनतम परमाणु पनडुब्बियों में से एक है। 112 मीटर लंबी और लगभग 6,000 टन वजनी इस पनडुब्बी में 83 मेगावाट का प्रेसुराइज्ड लाइट-वाटर रिएक्टर लगा हुआ है, जो इसे लंबे समय तक पानी के नीचे रहने की क्षमता प्रदान करता है। यह पनडुब्बी K-15 सागरिका मिसाइलों से लैस है, जो 750 किलोमीटर तक की दूरी तक मार कर सकती हैं। INS अरिघाट को INS अरिहंत के समान 83 मेगावाट के प्रेसुराइज्ड लाइट-वाटर रिएक्टर के साथ डिजाइन किया गया है, जिससे यह अपनी सामरिक क्षमता में एक अहम स्थान रखती है।

 

न्यूक्लिअर ट्रायड: भारतीय नौसेना की बढ़ती शक्ति

INS अरिघाट के कमीशनिंग के साथ ही भारतीय नौसेना की न्यूक्लिअर ट्रायड और भी मजबूत हो गई है। भारतीय नौसेना की योजना है कि 2035-36 तक पांच अरिहंत श्रेणी की पनडुब्बियों और छह परमाणु अटैक पनडुब्बियों का निर्माण किया जाए। INS अरिहंत के बाद INS अरिघाट भी अब इस ट्रायड का हिस्सा बन गया है, जिससे भारत की परमाणु रक्षा प्रणाली और भी सुदृढ़ हो गई है।

 

दूसरी स्ट्राइक क्षमता: परमाणु प्रतिरोध में INS अरिघाट का महत्व

INS अरिघाट का मुख्य उद्देश्य भारत की परमाणु प्रतिरोध रणनीति में दूसरी स्ट्राइक क्षमता के रूप में काम करना है। यह पनडुब्बी K-15 और K-4 बैलिस्टिक मिसाइलों से लैस है, जो विभिन्न प्रकार के वॉरहेड्स ले जाने में सक्षम हैं। K-15 मिसाइल की रेंज 750 किलोमीटर तक है, जबकि K-4 मिसाइल की रेंज 3,500 किलोमीटर तक है। इन मिसाइलों के माध्यम से INS अरिघाट को सामरिक लचीलापन प्राप्त होता है, जो बदलते खतरों के बावजूद भारत को अपने परमाणु प्रतिरोध को बनाए रखने में सक्षम बनाता है।

सामरिक संतुलन बनाए रखने में INS अरिघाट की भूमिका

INS अरिघाट का निर्माण और कमीशनिंग भारतीय नौसेना की सामरिक संतुलन बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पनडुब्बी न केवल भारत को एक मजबूत दूसरी स्ट्राइक क्षमता प्रदान करती है, बल्कि संभावित विरोधियों को किसी भी प्रकार के परमाणु हमले से रोकने में भी मदद करती है। इसके साथ ही, यह पनडुब्बी भारत की रक्षा प्रणाली को और भी अधिक सुदृढ़ बनाती है, जिससे देश की सुरक्षा और भी मजबूत हो जाती है।

INS अरिघाट की कमीशनिंग: एक ऐतिहासिक कदम

29 अगस्त को INS अरिघाट की कमीशनिंग के साथ ही भारतीय नौसेना ने एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। इस समारोह में उच्च स्तरीय सैन्य और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी शामिल हुए, जिससे इस घटना की महत्वपूर्णता और भी बढ़ गई। INS अरिघाट की कमीशनिंग से भारतीय नौसेना की शक्ति में एक और नया आयाम जुड़ गया है, जिससे देश की रक्षा प्रणाली और भी मजबूत हो गई है।

भारत की परमाणु शक्ति में नई बढ़त

INS अरिघाट का कमीशनिंग भारतीय नौसेना की सामरिक शक्ति में एक महत्वपूर्ण बढ़त है। इस पनडुब्बी के माध्यम से भारत ने समुद्र की गहराइयों में छिपी अपनी परमाणु शक्ति को और भी मजबूत कर लिया है। INS अरिघाट का मुख्य उद्देश्य भारत की परमाणु प्रतिरोध रणनीति को और भी प्रभावी बनाना है, जिससे देश की सुरक्षा और भी मजबूत हो सके।


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