पलटवार: रोहतक में दलित समुदाय का कांग्रेस विधायक भारत भूषण बत्रा के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन
के कुमार आहूजा 2024-08-29 21:34:12
पलटवार: रोहतक में दलित समुदाय का कांग्रेस विधायक भारत भूषण बत्रा के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन
रोहतक, हरियाणा: कांग्रेस विधायक भारत भूषण बत्रा और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ दलित समुदाय का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया है। आरोपों के मुताबिक, विधायक के खिलाफ जातिगत दुर्व्यवहार के गंभीर आरोप लगे हैं, जिनके विरोध में दलित समुदाय ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान बत्रा का पुतला जलाया गया, और पुलिस कार्रवाई की मांग की गई। समुदाय का कहना है कि वे प्रशासन की निष्क्रियता से निराश हैं, और अब समय आ गया है कि इस मामले में सख्त कदम उठाए जाएं।
विधायक के खिलाफ गंभीर आरोप
रोहतक में दलित समुदाय का गुस्सा तब फूटा जब कांग्रेस विधायक भारत भूषण बत्रा और उनके समर्थकों पर जातिगत दुर्व्यवहार के आरोप लगाए गए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह मुद्दा नया नहीं है, बल्कि लंबे समय से दबा हुआ है। विधायक पर लगे आरोपों में जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल और मानसिक प्रताड़ना शामिल हैं।
सड़क पर उतरे प्रदर्शनकारी
प्रदर्शन के दौरान दलित समुदाय के लोगों ने सड़कों पर उतरकर विधायक भारत भूषण बत्रा का पुतला जलाया। उन्होंने कहा कि वे प्रशासन की निष्क्रियता से तंग आ चुके हैं और अब उनकी सहनशक्ति जवाब दे चुकी है। इस दौरान उन्होंने जोरदार नारेबाजी की और पुलिस प्रशासन से मांग की कि वह जल्द से जल्द इस मामले में सख्त कार्रवाई करे।
प्रशासन पर आरोप
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस प्रशासन ने इस मामले में अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। वे कह रहे हैं कि अगर प्रशासन ने समय रहते कार्रवाई की होती, तो आज उन्हें यह कदम नहीं उठाना पड़ता। दलित समुदाय ने मांग की है कि विधायक बत्रा के खिलाफ जातिगत दुर्व्यवहार के मामले में एफआईआर दर्ज की जाए।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रदर्शन के बाद पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने का प्रयास किया। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाएगा। प्रदर्शनकारी इस मामले को लेकर अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं और अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो वे अपने आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दे रहे हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस मुद्दे ने राजनीतिक हलचल भी पैदा कर दी है। विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर सरकार और प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। वहीं, कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
समुदाय का आक्रोश और प्रशासन की चुनौती
यह मामला दलित समुदाय के गहरे आक्रोश को दर्शाता है। वे प्रशासन से तत्काल न्याय की मांग कर रहे हैं। वहीं, प्रशासन के लिए यह एक चुनौती है कि वह इस मामले को कैसे सुलझाता है ताकि स्थिति को और अधिक बिगड़ने से रोका जा सके।
आंदोलन की दिशा और भविष्य
इस मामले ने दलित समुदाय के भीतर एकजुटता को और मजबूत कर दिया है। अब देखना होगा कि यह आंदोलन किस दिशा में जाता है और क्या प्रशासन इस मामले को लेकर कोई ठोस कदम उठाएगा या नहीं।
बहरहाल, इस घटना ने रोहतक में दलित समुदाय के बीच गहरे असंतोष को उजागर कर दिया है। अब प्रशासन और राजनीतिक नेतृत्व के लिए यह एक चुनौती है कि वे कैसे इस मामले को सुलझाते हैं और दलित समुदाय के गुस्से को शांत करते हैं। अगर समय रहते उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो यह आंदोलन और बड़े पैमाने पर फैल सकता है।