पदयात्रा में मनीष सिसोदिया पर बीजेपी का हमला: काले झंडों के बीच गूंजा दिल्ली का सच
के कुमार आहूजा 2024-08-29 05:16:26
पदयात्रा में मनीष सिसोदिया पर बीजेपी का हमला: काले झंडों के बीच गूंजा दिल्ली का सच
दिल्ली की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की पदयात्रा के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाकर विरोध जताया। यह घटना मंगोलपुरी इलाके में घटी, जहाँ सिसोदिया ने बीजेपी पर जनता के समर्थन से घबराने का आरोप लगाया है। आखिर सिसोदिया ने ऐसा क्या कहा और क्यों बीजेपी इस कदर बेचैन है? चलिए, जानते हैं इस पूरी घटना का विस्तृत विवरण।
बीजेपी का विरोध और काले झंडे: क्या है असली मुद्दा?
मनीष सिसोदिया ने अपनी पदयात्रा के दौरान मंगोलपुरी में जनता से संवाद किया। इसी दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने काले झंडे दिखाए और नारेबाजी की। बीजेपी का यह विरोध सीधे तौर पर सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल की नीतियों और उनके खिलाफ चल रहे मामलों से जुड़ा है। बीजेपी ने सिसोदिया पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं, जिनके चलते वह 17 महीने तक जेल में रहे। भाजपा कार्यकर्ता का कहना है कि दिल्ली के शराब मंत्री, जो दुर्भाग्य से शिक्षा मंत्री भी हैं, शिक्षा को नष्ट करने के बाद आज यहां आए और हमें बताया गया कि वे यहां आ रहे हैं, इसलिए हमने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
पदयात्रा में उमड़ा जनता का समर्थन: क्या है इसका राजनीतिक अर्थ?
सिसोदिया का दावा है कि पदयात्रा के दौरान उन्हें भारी समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल के विकास कार्यों को लेकर पूरी तरह से उनके साथ खड़ी है। सिसोदिया ने यह भी कहा कि बीजेपी ने उन पर और अन्य आप नेताओं पर फर्जी केस बनाकर जेल में डालने का षड्यंत्र रचा था, लेकिन जनता का समर्थन उनके साथ है।
अरविंद केजरीवाल की रिहाई का भरोसा: क्या है इसके पीछे का विश्वास?
सिसोदिया ने अपने भाषण में कहा कि अरविंद केजरीवाल जल्द ही जेल से बाहर आएंगे और दिल्ली के विकास कार्यों को पुनः गति देंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि बीजेपी उन्हें और उनके नेताओं को जेल में डालकर दिल्ली चुनाव से पहले ही जीतने की कोशिश कर रही है, लेकिन संविधान और न्यायपालिका के होते हुए सच की जीत अवश्य होगी।
17 महीने की जेल का अनुभव: मनीष सिसोदिया की दृढ़ता का परिचय
सिसोदिया ने अपने जेल के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि उन्होंने 52 डिग्री तापमान में फर्श पर सोकर अपने समय को गुजारा। उनका कहना है कि अगर बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए उन्हें 17 जन्म भी जेल में बिताने पड़ें, तो वह तैयार हैं। इस बयान के माध्यम से सिसोदिया ने अपनी प्रतिबद्धता और जनता के प्रति अपने समर्पण को प्रदर्शित किया।