सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने बनाया गिरोह, युवक का अपहरण कर मांगी 20 लाख की फिरौती


के कुमार आहूजा  2024-08-28 13:44:54



सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने बनाया गिरोह, युवक का अपहरण कर मांगी 20 लाख की फिरौती

व्यापार में घाटा लगा तो सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने अपहरण कर फिरौती वसूलने के लिए अपने परिचितों के साथ गैंग बना ली। जयपुर के नाहरगढ़ से इस गैंग ने एक युवक का अपहरण कर लिया और परिजनों को कॉल कर 20 लाख रुपए की फिरौती मांगी। फिरौती की रकम लेकर चंडीगढ़ आने को कहा। बाद में हिमाचल में फिरौती की रकम चलती ट्रेन से फेंकने को कहा। वेब सीरीज से मिलती-जुलती इस वारदात का जयपुर पुलिस ने खुलासा करते हुए अपहृत युवक को सकुशल छुड़ा लिया है। वारदात को अंजाम देने वाले पांच बदमाशों सहित एक महिला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बदमाशों का एक साथी अभी फरार है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।

जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में बताया कि प्रतापनगर में रहने वाला अनुज अपने दोस्त सोनी सिंह के साथ नाहरगढ़ घूमने गया था। जहां बदमाशों ने दोनों को पकड़ लिया। उन्होंने मारपीट की और दोनों के हाथ-पैर बांध दिए। वे अनुज को अपने साथ ले गए और सोनी सिंह को वहीं पटक गए। इस मामले में पुलिस ने अपहृत युवक अनुज को सकुशल छुड़वा लिया है। जबकि वारदात के मास्टरमाइंड वीरेंद्र सिंह, उसके साथी विनोद, अमित कुमार, जितेंद्र भंडारी और जमुना सरकार को गिरफ्तार किया गया है। वीरेंद्र सिंह डीग का रहने वाला है। वह हिमाचल प्रदेश के सोलन में किराए के मकान में रह रहा था। विनोद और अमित भी डीग के रहने वाले हैं। जबकि जमुना सरकार वीरेंद्र के साथ सोलन में लिव इन में रह रही थी। पुलिस ने जिस दिन अपहृत युवक को छुड़ाया। उसी दिन उसका जन्मदिन भी था।

नींद की गोलियां, टेप और रस्सी साथ लेकर आए 

पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि मुख्य सरगना सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। व्यापार में हुए घाटे को पूरा करने के लिए उसने अपने परिचितों के साथ अपहरण और फिरौती वसूलने की साजिश रची। वीरेंद्र, अमित, विनोद और जितेंद्र 18 अगस्त को जयपुर में जलमहल के पास पहुंचे। वहां से नाहरगढ़ की पहाड़ियों में सुनसान जगह उन्होंने अनुज और सोनी को बंधक बना लिया। वे अपने साथ नींद की गोलियां, पानी की बोतल, टेप, रस्सियां और धारदार हथियार साथ लेकर आए थे। उनके पास वॉकी-टॉकी भी थे।

नाहरगढ़ की पहाड़ी पर ड्रोन से ली तलाशी 

अपहृत युवक और बदमाशों की तलाश में पुलिस ने सबसे पहले नाहरगढ़ की पहाड़ी पर अभियान चलाया और ड्रोन व ड्रेगन लाइट की मदद से तलाशी ली। जब बदमाशों ने परिजनों को कॉल कर 20 लाख रुपए की फिरौती मांगी, तो तकनीकी टीम के सहयोग से एसआई हरिओम सिंह के नेतृत्व में एक टीम को मथुरा रवाना किया गया। बदमाशों ने पहला कॉल मथुरा से किया। इसके बाद देहरादून, चंडीगढ़, पंचकूला और चंडी मंदिर से कॉल किए गए।

मां ने दिखाई हिम्मत, फिरौती की रकम देने खुद गई 

22 अगस्त को बदमाशों ने फिरौती के 20 लाख रुपए लेकर परिजनों को चंडीगढ़ बुलाया। युवक की मां ने बदमाशों से बात की और पुलिस ने 20 लाख रुपए की बनावटी फिरौती राशि के बैग का इंतजाम किया। मां के साथ पुलिस की एक टीम को चंडीगढ़ रवाना किया गया। इस दौरान हालात लगातार बदल रहे थे। ऐसे में चंडीगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर पुलिस की टीम तैनात की गई।

बैग लेकर कालका-शिमला ट्रेन के डब्बे में बैठने को कहा 

अपहृत युवक की मां ममता के पास बदमाशों का 24 अगस्त की रात को कॉल आया और उन्होंने उन्हें कालका-शिमला एक्सप्रेस के आखिरी कोच में बैठने को कहा। इस पर पुलिस ने ट्रेन और ट्रेन के रूट पर अलग-अलग जाब्ता तैनात किया। बदमाशों ने वापस कॉल कर फिरौती की रकम धर्मपुर रेलवे स्टेशन के आसपास फेंकने को कहा। जिसके बाद फिरौती का बैग लेने आए व्यक्ति का पीछा कर पुलिस ने उसे दबोच लिया। इसके बाद उसकी निशानदेही पर उसके बाकि साथियों को भी पकड़ लिया और युवक को उनके चंगुल से छुड़ा लिया गया। फिलहाल एक आरोपी की तलाश में पुलिस जुटी है।


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