सुप्रीम कोर्ट ने K कविता को दी जमानत: 493 गवाहों और 50,000 दस्तावेजों के बावजूद लंबी कानूनी प्रक्रिया का सामना


के कुमार आहूजा  2024-08-28 06:37:14



सुप्रीम कोर्ट ने K कविता को दी जमानत: 493 गवाहों और 50,000 दस्तावेजों के बावजूद लंबी कानूनी प्रक्रिया का सामना

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामलों में भारत राष्ट्र समिति (BRS) की नेता के कविता को जमानत दी। कोर्ट ने जांच एजेंसियों (CBI और ED) द्वारा की जा रही जांच की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए।

न्यायालय की महत्वपूर्ण टिप्पणियां

न्यायमूर्ति बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि जांच पूरी हो चुकी है और आरोपपत्र दाखिल कर दिए गए हैं, इसलिए कविता की कस्टोडियल पूछताछ की अब आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने कहा कि 493 गवाहों और 50,000 से अधिक पन्नों के दस्तावेज़ों को देखते हुए, निकट भविष्य में इस मामले का निष्कर्ष निकलना संभव नहीं है।

महिला को विशेष विचार का अधिकार

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पीड़िता को जमानत देने के लिए मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 45(1) के प्रावधान का भी हवाला दिया, जो महिलाओं को जमानत में विशेष विचार का अधिकार देता है। कोर्ट ने दिल्ली उच्च न्यायालय की उस टिप्पणी को भी खारिज किया जिसमें कहा गया था कि उच्च पद पर आसीन महिलाएं इस विशेषाधिकार की पात्र नहीं होतीं।

ज़मानत के आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने K कविता को दोनों मामलों में ₹10 लाख के मुचलके पर रिहा करने का आदेश दिया। कोर्ट ने साथ ही यह निर्देश भी दिए कि वह अपने पासपोर्ट को जमा करें और जांच एजेंसियों के समक्ष नियमित रूप से हाज़िर हों। कविता को यह भी आदेश दिया गया कि वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ या गवाहों को प्रभावित न करें।


global news ADglobal news ADglobal news AD