जन्माष्टमी विशेष: 100 करोड़ का श्रृंगार, सिंधिया राजवंश से जारी परम्परा


के कुमार आहूजा  2024-08-27 17:40:11



जन्माष्टमी विशेष: 100 करोड़ का श्रृंगार, सिंधिया राजवंश से जारी परम्परा

ग्वालियर के गोपाल जी मंदिर में जन्माष्टमी पर हर साल की तरह इस बार भी भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी का 100 करोड़ रुपये के प्राचीन और बेशकीमती आभूषणों से भव्य श्रृंगार किया गया। इस विशेष आयोजन के लिए हजारों भक्त मंदिर में एकत्रित हुए, जिनमें मथुरा जैसी भक्ति और उत्साह देखा गया।

मंदिर की ऐतिहासिक परंपरा

गोपाल जी मंदिर लगभग 100 साल पुराना है, जिसे सिंधिया रियासत के दौरान राजघराने द्वारा बनवाया गया था। इस मंदिर में जन्माष्टमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण का भव्य शृंगार किया जाता है।

बेशकीमती आभूषणों का आकर्षण

जन्माष्टमी के अवसर पर मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी का शृंगार हीरे, पन्ना, माणिक, और मोती से किया जाता है। इन आभूषणों की कीमत करीब 100 करोड़ रुपये तक आंकी जाती है।

पुरानी परंपरा की पुनर्स्थापना

साल 2007 में, इन आभूषणों को नगर निगम के आधिपत्य में सौंपा गया। उसके बाद हर साल जन्माष्टमी पर इन्हें बैंक लॉकर से निकालकर भगवान का श्रृंगार किया जाता है।

भक्तों का उत्साह

हर साल जन्माष्टमी पर भक्तों की भीड़ उमड़ती है। इस वर्ष भी हजारों भक्तों ने भगवान श्रीकृष्ण की एक झलक पाने के लिए मंदिर में उपस्थिति दर्ज कराई।

सुरक्षा और सावधानी

मंदिर में भगवान के आभूषणों को हर रात 12 बजे समिति की देखरेख में बैंक लॉकर में जमा कराया जाता है, जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।


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