गुजरात के गीर सोमनाथ में लगातार बारिश से सरस्वती नदी उफान पर, माधवराय मंदिर फिर से जलमग्न


के कुमार आहूजा  2024-08-26 10:30:23



गुजरात के गीर सोमनाथ में लगातार बारिश से सरस्वती नदी उफान पर, माधवराय मंदिर फिर से जलमग्न

गुजरात के गीर सोमनाथ जिले में बीते 48 घंटों की भारी बारिश ने सरस्वती नदी को एक बार फिर उफान पर ला दिया है। इस उफान के चलते माधवराय मंदिर, जो पहले भी इस मौसम में दो बार जलमग्न हो चुका है, तीसरी बार पूरी तरह से जलमग्न हो गया है। मंदिर में पानी की सतह इतनी बढ़ गई है कि भगवान की मूर्ति 8 फीट पानी के नीचे डूब गई है। आखिर क्यों बार-बार जलमग्न हो रहा है यह ऐतिहासिक मंदिर?

माधवराय मंदिर का जलमग्न होना

गुजरात के गीर सोमनाथ जिले के प्राची तीर्थस्थल में स्थित माधवराय मंदिर इस बार फिर से सरस्वती नदी के उफान का शिकार हुआ है। बीते 48 घंटों से हो रही भारी बारिश ने सरस्वती नदी को इतना उफनाया कि मंदिर पूरी तरह से जलमग्न हो गया। इस साल यह तीसरी बार है जब इस मंदिर में पानी ने कहर बरपाया है, जिससे स्थानीय निवासियों में चिंता की लहर दौड़ गई है।

प्राकृतिक आपदा और मंदिर की सुरक्षा 

इस घटना ने स्थानीय प्रशासन और भक्तों के बीच चिंता बढ़ा दी है। सरस्वती नदी का उफान और मंदिर का बार-बार जलमग्न होना इस बात का संकेत है कि यहां की जल निकासी प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है। मंदिर की सुरक्षा और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया 

स्थानीय प्रशासन ने मंदिर और उसके आस-पास के इलाकों में जलभराव की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाए हैं। प्रशासन का कहना है कि इस बार की बारिश सामान्य से अधिक होने के कारण सरस्वती नदी में पानी का स्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे मंदिर में पानी भर गया है। इसके बावजूद, उन्होंने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए हैं।

धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व 

माधवराय मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह गुजरात की सांस्कृतिक धरोहर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है। हर साल लाखों श्रद्धालु इस मंदिर में भगवान माधवराय के दर्शन करने आते हैं। मंदिर का बार-बार जलमग्न होना धार्मिक आस्था को भी प्रभावित कर रहा है।

आगे की चुनौतियां 

इस प्राकृतिक आपदा ने स्थानीय प्रशासन के सामने कई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। सरस्वती नदी के उफान से मंदिर को बचाने के लिए लंबे समय के लिए जल निकासी प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है। प्रशासन को जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया 

स्थानीय लोगों ने भी प्रशासन से मंदिर की सुरक्षा के लिए बेहतर इंतजाम करने की मांग की है। उनका कहना है कि मंदिर का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है, और इसे बार-बार जलमग्न होने से बचाना आवश्यक है। लोगों ने कहा कि प्रशासन को तुरंत ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।

ऐतिहासिक धरोहर को सुरक्षित करना होगा 

गुजरात के गीर सोमनाथ जिले में सरस्वती नदी के उफान से माधवराय मंदिर का बार-बार जलमग्न होना एक गंभीर चिंता का विषय है। यह न केवल धार्मिक आस्था को प्रभावित कर रहा है, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए भी यह एक बड़ा संकट बनता जा रहा है। प्रशासन को इस दिशा में जल्द ही प्रभावी कदम उठाने होंगे ताकि इस ऐतिहासिक धरोहर को सुरक्षित रखा जा सके।


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