श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर मथुरा में हेमा मालिनी का भावुक संदेश: पञ्चजन्य मंच पर जीवंत होगी ब्रज कला की धरोहर


के कुमार आहूजा  2024-08-26 06:57:26



श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर मथुरा में हेमा मालिनी का भावुक संदेश: पञ्चजन्य मंच पर जीवंत होगी ब्रज कला की धरोहर

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मथुरा में लोकसभा सांसद और प्रसिद्ध अभिनेत्री हेमा मालिनी ने एक भव्य और अद्वितीय सांस्कृतिक मंच पञ्चजन्य का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने न केवल ब्रज की लोक कला के संरक्षण पर जोर दिया, बल्कि पञ्चजन्य नाम की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता पर भी प्रकाश डाला। 

ब्रज कला के संरक्षण की पहल

हेमा मालिनी ने मथुरा के इस सांस्कृतिक मंच पञ्चजन्य को ब्रज कला के संरक्षण और प्रसार का केंद्र बनाने की बात कही। उन्होंने इस मंच को उन सभी कलाकारों के लिए उपहार बताया जो प्रतिदिन कला, संगीत, या नाट्य प्रस्तुतियां देंगे। उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि आज के समय में ब्रज की पारंपरिक कला लुप्त होती जा रही है और इसे जीवित रखने के लिए देश-विदेश के कलाकारों को इस मंच पर अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए आमंत्रित किया।

पञ्चजन्य नाम का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व 

हेमा मालिनी ने पञ्चजन्य नाम की महत्ता बताते हुए कहा कि यह नाम भगवान श्रीकृष्ण के पवित्र शंख से प्रेरित है, जिसे उन्होंने शंखासुर को मारने के बाद प्राप्त किया था। उन्होंने इस मंच के माध्यम से संगीत और कला के माध्यम से पूरे देश में शुभता का संचार करने की इच्छा जताई। उन्होंने बताया कि इस मंच का नामकरण पञ्चजन्य इसलिए किया गया है क्योंकि इसकी ध्वनि पूरे देश के लिए मंगलकारी होगी।

कृष्ण-भक्ति में डूबी अद्भुत प्रस्तुति 

श्रीकृष्ण जन्मोत्सव से ठीक पहले, हेमा मालिनी ने पञ्चजन्य मंच पर एक अद्वितीय यशोदा-श्रीकृष्ण बैले प्रस्तुत किया। इस प्रस्तुति में उन्होंने मथुरा की संस्कृति और ब्रज की लोक कला को जीवंत किया। उनकी इस प्रस्तुति को दर्शकों ने बेहद सराहा और इसे ब्रज की धरोहर को सजीव रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

पञ्चजन्य मंच पर भविष्य की योजनाएं 

हेमा मालिनी ने घोषणा की कि पञ्चजन्य मंच पर भविष्य में भी अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें देश और विदेश के कलाकारों को भाग लेने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह मंच ब्रज की संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का माध्यम बनेगा और इससे मथुरा की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को नई पहचान मिलेगी।

हेमा मालिनी द्वारा इस सांस्कृतिक मंच पञ्चजन्य की स्थापना मथुरा में कला और संस्कृति के क्षेत्र में एक नई क्रांति का प्रतीक है। यह मंच न केवल ब्रज की कला को पुनर्जीवित करेगा, बल्कि इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान दिलाएगा। हेमा मालिनी की इस पहल को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के मौके पर एक अद्वितीय भेंट के रूप में देखा जा रहा है, जो आने वाले समय में मथुरा की पहचान का हिस्सा बनेगा।

हेमा मालिनी ने इस मंच का उद्घाटन करते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि भारतीय परंपरागत कलाओं का संरक्षण और प्रसार आज की सबसे बड़ी जरूरत है। उन्होंने सभी से इस कार्य में सहयोग करने की अपील की और कहा कि यह मंच भारतीय कला को एक नई दिशा देने में अहम भूमिका निभाएगा।


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