गांव की महिलाएं बनीं आत्मनिर्भरता की मिसाल, सरकारी योजनाओं से संचालित कर रहीं प्रेरणा कैंटीन
के कुमार आहूजा 2024-08-25 20:34:35
गांव की महिलाएं बनीं आत्मनिर्भरता की मिसाल, सरकारी योजनाओं से संचालित कर रहीं प्रेरणा कैंटीन
झाँसी में ललितपुर के ग्रामीण इलाकों में, जहां परंपरागत रूप से महिलाएं घर के अंदर ही सीमित रहती थीं, अब वही महिलाएं आत्मनिर्भरता की नई मिसालें पेश कर रही हैं। सरकारी योजनाओं की सहायता से शुरू की गई प्रेरणा कैंटीन ने इन महिलाओं के जीवन को बदल दिया है, और यह कहानी आज हर उस महिला के लिए प्रेरणा है जो अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती है।
महिलाओं की आत्मनिर्भरता की शुरुआत
ललितपुर के रानीपुरा गांव की सुनीता कुशवाहा और उनके साथी महिलाओं ने सरकारी सहायता प्राप्त कर अपनी खुद की प्रेरणा कैंटीन शुरू की। सुनीता और अन्य महिलाएं पहले केवल घर की जिम्मेदारियों में उलझी रहती थीं, लेकिन आज वे न सिर्फ अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं, बल्कि आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी बन चुकी हैं।
सरकारी योजनाओं से मिली मदद
प्रेरणा कैंटीन के संचालन में महिलाओं को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) और उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाओं से सहायता मिली। इन योजनाओं के तहत महिलाओं को 70,000 रुपये का ऋण मिला, जिससे उन्होंने कैंटीन के लिए आवश्यक सामग्री और उपकरण खरीदे। यह सहायता उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हुआ।
परिवारों के जीवन में बदलाव
सुनीता और उनकी साथी महिलाएं प्रतिदिन 20 किलोमीटर की दूरी तय करके कैंटीन तक पहुँचती हैं। कैंटीन में कार्यरत महिलाओं का कहना है कि इससे उन्हें न सिर्फ आर्थिक लाभ हो रहा है, बल्कि उनके बच्चों की शिक्षा और परिवार की जरूरतें भी पूरी हो रही हैं। सुनीता के पति प्रवासी मजदूर हैं, और वे महीने में एक या दो बार घर आते हैं, जिससे सुनीता पर घर चलाने की पूरी जिम्मेदारी होती है।
कैंटीन का सामाजिक और आर्थिक प्रभाव
प्रेरणा कैंटीन ललितपुर के कलेक्ट्रेट कार्यालय में स्थित है, जहां यह सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को स्वादिष्ट दक्षिण भारतीय भोजन परोसती है। यहां का खाना ताजा और सस्ता होता है, जिससे न सिर्फ कर्मचारियों को संतुष्टि मिलती है, बल्कि कैंटीन में कार्यरत महिलाओं की आमदनी भी बढ़ती है।
महिलाओं की आवाज़
कैंटीन में काम करने वाली एक अन्य महिला, दुर्गा, बताती हैं कि जब उन्होंने इस व्यवसाय को शुरू किया था, तो वे थोड़ी संकोच में थीं, क्योंकि उन्होंने पहले कभी घर के बाहर काम नहीं किया था। लेकिन उनके परिवार ने उन्हें पूरा समर्थन दिया और आज वे अपने काम में पूरी तरह से रम चुकी हैं।
कैंटीन की सफलता और आगे की योजनाएं
प्रेरणा कैंटीन न सिर्फ एक व्यवसाय बन गया है, बल्कि यह ललितपुर की महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बन चुका है। अब वे अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में सक्षम हैं और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को बेहतर बना रही हैं। साथ ही, कैंटीन को विभिन्न स्कूलों और सरकारी कार्यालयों से बड़े-बड़े ऑर्डर भी मिलने लगे हैं, जिससे उनकी आमदनी में और इजाफा हो रहा है।
आत्मनिर्भरता का प्रेरणा स्रोत
ललितपुर के रानीपुरा गांव की इन महिलाओं की कहानी आज देशभर की महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह साबित करता है कि यदि सही मार्गदर्शन और समर्थन मिले, तो महिलाएं न सिर्फ आत्मनिर्भर बन सकती हैं, बल्कि समाज में महत्वपूर्ण योगदान भी दे सकती हैं।