ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के मामले में फोरेंसिक विशेषज्ञ का दावा -चोटों के इतने निशान से किसी एक का काम नहीं लगता 


के कुमार आहूजा  2024-08-25 06:41:39



ट्रेनी डॉक्टर की हत्या के मामले में फोरेंसिक विशेषज्ञ का दावा -चोटों के इतने निशान से किसी एक का काम नहीं लगता 

आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के 13 दिन बीत गए। लेकिन कई सवाल हैं, जिनके जवाब आज तक नहीं मिले हैं। खास बातचीत में फोरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. अरिंदम चक्रवर्ती ने भी माना कि चोटों के इतने निशान अगर पीड़िता के शरीर पर हैं तो यह तय है कि हमलावर एक नहीं था। तीन हजार से ज्यादा पोस्टमार्टम कर चुके डॉ. अरिंदम कहते हैं, यह आश्चर्य की बात है कि उस रात किसी ने युवा लड़की की आवाज नहीं सुनी, जबकि उसने आरोपियों का मजबूती से मुकाबला किया होगा। इन्हीं बातों से लगता है कि वारदात में अन्य लोग भी रहे होंगे।

तत्काल घटनास्थल नहीं घेरा

जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली, तुरंत अथॉरिटी को उस जगह की घेराबंदी करनी होती है, ताकि सबूतों से छेड़छाड़ न हो। उसके बाद केवल पुलिस, फोरेंसिक टीम के अलावा किसी और को जाने नहीं देना चाहिए। जानकारी आ रही है कि इस घटना में ऐसा नहीं हुआ।  

सबूतों के नष्ट होने की आशंका

अरिंदम ने कहा कि अभी इसकी लंबी प्रक्रिया है। इसिलए जो सैंपल वहां पर मिले हैं, उनको मैचिंग करना है। हम जितनी देरी करेंगे, सबूतों के नष्ट होने की संभावना बनी रहती है। उन्होंने कहा कि मेरी मांग है कि जल्द से जल्द जांच को खत्म करना चाहिए। सीबीआई जांच में अभी तक तो किसी और को पकड़ा नहीं है। जिसे पकड़ा है, हमें नहीं पता है कि मैचिंग किया कि नहीं। 

पहली बार इस तरह का मामला देखा और सुना

उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा मामला सुना देखा। अस्पताल में रात के समय में ज्यादा आदमी नहीं होते। रात को ज्यादा आना-जाना नहीं होता। जो लोग काम करते हैं, उसके अलावा वहां मरीजों के परिजन आते-जाते हैं। कोई बाहर से आया। दुष्कर्म किया और फिर चला गए। यह कैसे हुआ? यह देखकर मैं खुद आश्चर्यचकित हूं।

ड्यूटी बदलते समय डॉक्टर को क्यों नहीं खोजा गया

अरिंदम ने कहा कि ड्यूटी बदलते समय अगर डॉक्टर नहीं मिलीं तो निश्चित ही खोजबीन होनी चाहिए थी। अगर नहीं हुई तो क्यों नहीं हुई? विभाग के लोगों से पूछताछ करनी होगी कि क्यों ऐसा हुआ। यह तो पता लगाना चाहिए था कि जूनियर डॉक्टर यहाँ नहीं है तो कहां है? ऐसा क्यों नहीं हुआ, यह जांच का विषय है।

दरवाजे की टूटी चिटकनी से साजिश के तार जोड़ रही सीबीआई

आरजी कर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर से दरिंदगी की जांच कर रही सीबीआई का ध्यान इस बात पर है कि बिना किसी बाधा के सेमिनार हॉल में अपराध को कैसे अंजाम दिया गया। एक अधिकारी ने कहा कि हॉल के दरवाजे में लगी चिटकनी भी टूटी मिली थी। सीबीआई अधिकारी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि अपराध के दौरान क्या कोई व्यक्ति सेमिनार हॉल के बाहर निगरानी के लिए भी खड़ा रहा ताकि अपराध को बेरोकटोक अंजाम दिया जा सके। फिलहाल, जांच एजेंसी ने शुक्रवार को भी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से पूछताछ जारी रखी।


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