थाईलैंड पहुंचा एमपॉक्स: अफ्रीका से लौटे व्यक्ति में मिला वायरस, बढ़ता प्रसार चिंता का विषय 


के कुमार आहूजा  2024-08-23 20:53:20



थाईलैंड पहुंचा एमपॉक्स: अफ्रीका से लौटे व्यक्ति में मिला वायरस, बढ़ता प्रसार चिंता का विषय 

एमपॉक्स (पूर्व में मंकीपॉक्स) वायरस का खतरा अब थाईलैंड तक पहुंच चुका है, जहां एक नए मामले की पुष्टि हुई है। यह व्यक्ति हाल ही में अफ्रीका से लौटा था। इस नए मामले ने भारत समेत कई देशों में सतर्कता बढ़ा दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने आश्वासन दिया है कि यह कोविड-19 जितना खतरनाक नहीं है, लेकिन वायरस के बढ़ते प्रसार को लेकर चिंता बनी हुई है। भारत में स्थिति क्या है और इससे निपटने के लिए तैयारियाँ कैसी हैं?

थाईलैंड में एमपॉक्स की स्थिति

21 अगस्त 2024 को थाईलैंड के स्वास्थ्य विभाग ने घोषणा की कि एक यूरोपीय यात्री, जो हाल ही में अफ्रीका से लौटा था, में एमपॉक्स वायरस पाया गया है। यह मामला थाईलैंड के लिए चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि यह पहली बार है जब थाईलैंड में इस वायरस का प्रसार हुआ है। थाईलैंड में अब तक इस वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया था, लेकिन इस नए मामले ने स्वास्थ्य अधिकारियों को चौकन्ना कर दिया है।

एमपॉक्स वायरस: एक वैश्विक खतरा

एमपॉक्स वायरस मुख्य रूप से अफ्रीका में फैला हुआ है, जहां से अधिकतर मौतें रिपोर्ट की गई हैं। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है, विशेष रूप से त्वचा के घावों के माध्यम से। हालाँकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह स्पष्ट किया है कि एमपॉक्स, कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी नहीं है, लेकिन इसके प्रसार को नियंत्रित करने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।

भारत में एमपॉक्स की स्थिति

भारत में फिलहाल एमपॉक्स के कोई मामले नहीं आए हैं, लेकिन स्वास्थ्य संगठन और केंद्र सरकार इस नए खतरे को लेकर पूरी तरह से सतर्क हैं। नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) ने हाल ही में एक बैठक आयोजित की, जिसमें भारत में एमपॉक्स के संभावित खतरे का आकलन किया गया। विशेषज्ञों ने इसके संभावित प्रसार को रोकने के लिए निवारक उपायों पर चर्चा की और राज्य सरकारों को एडवाइजरी जारी करने की योजना बनाई गई​।

भारत की तैयारी  

भारत में स्वास्थ्य सुविधाओं की मजबूत नींव है, लेकिन ऐसे नए वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पर्याप्त तैयारी करना आवश्यक है। देश भर में जागरूकता बढ़ाने, टीकाकरण कार्यक्रमों को सुदृढ़ करने, और आपातकालीन योजनाओं को तैयार करने की आवश्यकता है। इस समय, भारत में एमपॉक्स वायरस को लेकर कोई गंभीर स्थिति नहीं है, लेकिन वैश्विक स्तर पर इसके प्रसार को देखते हुए, तैयारी और सतर्कता जरूरी है।

एमपॉक्स के लक्षण और पहचान

एमपॉक्स वायरस के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान, और त्वचा पर चकत्ते शामिल हैं। यह वायरस आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। थाईलैंड में जिस व्यक्ति में वायरस पाया गया है, उसकी स्थिति को गंभीर मानते हुए उसे क्वारंटाइन में रखा गया है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और सुझाव

अंतरराष्ट्रीय समुदाय एमपॉक्स के प्रसार को लेकर गंभीरता से कदम उठा रहा है। अमेरिका, यूरोप, और अन्य देशों ने इस वायरस के प्रति सतर्कता बढ़ा दी है और व्यापक जागरूकता अभियान शुरू किए हैं। WHO ने सभी देशों को इस वायरस के बारे में सतर्क रहने और इसके प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया है।

निष्कर्ष 

एमपॉक्स वायरस का प्रसार एक गंभीर वैश्विक मुद्दा बनता जा रहा है, खासकर थाईलैंड में नया मामला सामने आने के बाद। भारत में इस वायरस के खतरे को लेकर सरकार पूरी तरह से सतर्क है, लेकिन आम जनता को भी इस वायरस के लक्षणों और इससे बचाव के उपायों के बारे में जागरूक होना चाहिए। एमपॉक्स कोविड-19 जितना खतरनाक नहीं है, लेकिन इसके प्रसार को रोकने के लिए तत्परता और सावधानी जरूरी है।

इस वायरस के खिलाफ भारत और अन्य देशों को मिलकर काम करना होगा ताकि इसे एक वैश्विक महामारी बनने से रोका जा सके। - अजय त्यागी


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