सुप्रीम कोर्ट का FIR में देरी पर सवाल, जज बोले- 30 साल में ऐसा नहीं देखा; कोलकाता केस में सुप्रीम सुनवाई
के कुमार आहूजा 2024-08-23 20:47:18
सुप्रीम कोर्ट का FIR में देरी पर सवाल, जज बोले- 30 साल में ऐसा नहीं देखा; कोलकाता केस में सुप्रीम सुनवाई
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हुई हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार और पुलिस से कई सवाल किए और कई मौको पर फटकार लगाते भी दिखे। पीठ में न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे।
कोर्ट ने कोलकाता पुलिस की देरी को बेहद परेशान करने वाला बताया। कोर्ट ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से काम पर लौटने को भी कहा और उन्हें आश्वासन दिया। सुप्रीम कोर्ट ने बीती 20 अगस्त को मामले का स्वतः संज्ञान लिया था।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान किए गए सवाल-जवाब की बड़ी बातें-
♦ न्यायमूर्ति पारदीवाला ने सुनवाई करते हुए कहा कि आपके राज्य द्वारा अपनाई गई पूरी प्रक्रिया ऐसी है जिसका सामना मैंने अपने 30 वर्षों के अनुभव में कभी नहीं किया।
जस्टिस पारदीवाला ने पूछा कि पोस्टमार्टम किस समय किया गया था? आपके रिकॉर्ड से। सिब्बल ने कहा कि शाम 6:10 से 7:10 बजे तक। जस्टिस पारदीवाला ने कहा जब आप शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गए तो क्या यह अननैचुरल डेथ का मामला था या नहीं.. अगर यह अननैचुरल डेथ नहीं थी तो पोस्टमार्टम की क्या जरूरत थी? जब आप पोस्टमार्टम करना शुरू करते हैं तो यह अननैचुरल डेथ का मामला है।
♦ जस्टिस पारदीवाला ने पूछा कि यूडी केस 861 रात 11.30 बजे दर्ज किया गया और एफआईआर 11:45 पर दर्ज की गई। क्या यह रिकॉर्ड सही है? सिब्बल ने कहा यूडी दोपहर 1:45 बजे दर्ज की गई। एससी ने कहा कि हम इन दोनों रिपोर्टों को कैसे जोड़ सकते हैं? यूडी के पंजीकरण से पहले पोस्टमार्टम होता है। यह आश्चर्यजनक है। कृपया कुछ अधिकारियों से बात करें, अगर यह सच है तो यह चौंकाने वाला है। जस्टिस पारदीवाला: कृपया एक जिम्मेदार बयान दें। जल्दबाजी में बयान न दें।
♦ सीजेआई ने कहा कि डॉक्टरों को अपनी ड्यूटी पर वापस लौटना चाहिए और अधिकारियों से आग्रह किया कि वे कोई भी कठोर कार्रवाई न करें। सीजेआई ने एक नेशनल टास्क फोर्स के गठन की भी घोषणा की जो स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र से जुड़े सभी पक्षों से बात करेगी, जिसमें रेजिडेंट डॉक्टर भी शामिल हैं।
♦ सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि टास्क फोर्स सभी हितधारकों की बात सुनेगा, जिसमें इंटर्न, रेजिडेंट, सीनियर रेजिडेंट, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ शामिल हैं। CJI ने कहा कि समिति यह सुनिश्चित करेगी कि सभी प्रतिनिधियों को सुना जाए।
♦ सीजेआई ने कहा कि कृपया डॉक्टरों को आश्वस्त करें, हम उनके बारे में चिंतित हैं, कि उन्हें 36 घंटे काम करना पड़ता है। हम सभी के परिवार के सदस्य, रिश्तेदार हैं जो सरकारी अस्पतालों में गए हैं। मैं एक सरकारी अस्पताल के फर्श पर सोया हूं जब परिवार में कोई बीमार था। हम इस दौर से गुजरे हैं, हमने डॉक्टरों को 36 घंटे काम करते देखा है।
♦ बंगाल सरकार की ओर से पेश हुए सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि हमने भी एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल की है। एसजी ने कहा कि राज्य से स्थिति रिपोर्ट देने के लिए नहीं कहा गया था। सिब्बल बोले यह आदेश में है। सीजेआई ने कहा कि हां, हमने कोलकाता पुलिस से रिपोर्ट जमा करने को कहा था। पीठ ने सीबीआई और राज्य सरकार द्वारा जमा की गई स्थिति रिपोर्ट पर गौर किया।