गणपति बप्पा मोरया! जल्द सुनाई देगी गूँज, घर-घर विराजेंगे गणपति 


के कुमार आहूजा  2024-08-22 22:08:49



गणपति बप्पा मोरया! जल्द सुनाई देगी गूँज, घर-घर विराजेंगे गणपति 

हर साल गौरी पुत्र गणेश 10 दिन के लिए कैलाश से भक्तों के बीच आते हैं और उनके कष्ट दूर करते हैं। इन दिनों को गणेश उत्सव के रूप में मनाया जाता है।

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर गणेश चतुर्थी मनाई जाती है, इस दिन घर-घर में गणेश जी विराजमान होते हैं। बड़े-बड़े पंडालों में गणपति की मूर्ति स्थापित कर झांकियां सजाई जाती हैं। 

इस साल गणेश चतुर्थी 7 सितंबर 2024 को है। इस दिन से 10 दिवसीय गणेश उत्सव शुरू हो रहा है। इसका समापन अनंत चतुर्दशी पर 17 सितंबर 2024 को होगा। इस दिन गणपति बप्पा की मूर्ति का विसर्जन कर उन्हें विदाई दी जाती है।

 

गणेश चतुर्थी 2024 स्थापना मुहूर्त

पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 6 सितंबर 2024 को दोपहर 03 बजकर 01 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 7 सितंबर 2024 को शाम 05 बजकर 37 मिनट पर इसका समापन होगा। स्थापना के लिए सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त सुबह 11:10 - दोपहर 01:39 (02 घण्टे 29 मिनट्स) है। इस सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त में आप पूरे मान-सम्मान, हर्षोल्लास और ढोल-नगाड़ों के साथ गणपति को अपने घर लाकर विराजमान कर सकते हैं और विधि-विधान से पूजा कर सकते हैं।

10 दिन तक गणेश उत्सव क्यों मनाते हैं ?

पुराणों के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन शंकर और पार्वती माता के पुत्र गणपति जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो भी गणेश उत्सव में 10 दिन तक बप्पा की विधिवत पूजा अर्चना करता है उसके सभी कार्य सिद्ध हो जाते हैं। 

एक पौराणिक कथा के अनुसार महर्षि वेदव्यास जी ने महाभारत की रचना के लिए गणेश जी का आह्वान किया था। व्यास जी जैसे-जैसे श्लोक बोलते गए और गणपति जी बिना रुके 10 दिन तक महाभारत को लिपिबद्ध लिखते गए। जिसके चलते दस दिन में गणेश जी पर धूल मिट्‌टी की परत जम गई। 10 दिन बाद यानी की अनंत चतुर्दशी पर बप्पा ने सरस्वती नदी में स्नान कर खुद को स्वच्छ किया, उसके बाद से ही दस दिन तक गणेश उत्सव मनाया जाने लगा।

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