देश में पहली बार आंध्र प्रदेश में होगी कौशल जनगणना


के कुमार आहूजा  2024-08-22 07:45:13



देश में पहली बार आंध्र प्रदेश में होगी कौशल जनगणना

राज्य सरकार ने देश में पहली बार आंध्र प्रदेश में कौशल जनगणना कराने का फैसला किया है। यह कौशल गणना सर्वेक्षण प्रायोगिक तौर पर 3 सितंबर को मंगलगिरी विधानसभा क्षेत्र के नागार्जुन विश्वविद्यालय में आयोजित किया जाएगा। सर्वेक्षण के लिए विशेष रूप से एक ऐप तैयार किया गया है। इस बारे में अधिकारियों ने बताया कि सर्वेक्षण पूरा होने के बाद यदि वेबसाइट उपलब्ध करा दी जाती है तो बाजार में आने वाले नए लोगों को अपना विवरण दर्ज कराने का मौका मिलेगा।

कौन करेगा यह सर्वे?

इस सर्वे के लिए हर गांव और वार्ड सचिवालय से छह कर्मचारियों को लगाया जाएगा। उन्हें इस महीने की 23, 24, 30 और 31 तारीख को दो चरणों में प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद वे घर-घर जाकर टैब में जानकारी एकत्र करेंगे।

कौन-कौन से विवरण एकत्रित किए जाएंगे?

साक्षर? निरक्षर? कर्मचारी? जिन्हें पढ़ाई के बाद नौकरी नहीं मिली? नौकरी संगठित क्षेत्र की है? असंगठित क्षेत्र की? बेरोजगारों की शैक्षणिक योग्यता? पीएचडी, एमएस, डिग्री, इंटरमीडिएट, 10वीं, 8वीं? अगर आपने बीटेक की पढ़ाई की है तो क्या आपको डोमेन नॉलेज है? इस प्रकार के 25 सवालों के जरिए जानकारी एकत्रित की जाएगी। इसके अलावा संगठित क्षेत्र में काम करने वालों और असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों के पीएफ अकाउंट का हिसाब ई-श्रम के जरिए लिया जाएगा।

इसमें कितना समय लगेगा?

इसे मंगलगिरी में प्रायोगिक तौर पर अमल में लाया जाएगा। कौशल विकास संगठन का अनुमान है कि राज्यव्यापी सर्वेक्षण के ज़रिए डेटा एकत्र करने और उसका विश्लेषण करने में लगभग 8 महीने लगेंगे।

लाभ क्या है?

इस सर्वेक्षण के पूरा होने के बाद कितने लोग बेरोजगार हैं? कितने लोगों को रोजगार मिला हुआ है? रोजगार पाने वालों में से कितने लोग अभी भी बेहतर नौकरी चाहते हैं? कितने लोग निरक्षर हैं? आदि जो भी जानकारी चाहिए, वह सुलभ हो जाएगी। अधिकारियों का अनुमान है कि यह जानकारी कौशल प्रशिक्षण और रोजगार सृजन के लिए करीब आगामी 20 साल तक उपयोगी रहेगी।

सर्वे के बाद क्या किया जाएगा?

किसको किस डोमेन में कौशल प्रशिक्षण की आवश्यकता है, इसकी पहचान करने के बाद नए कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में कौशल कॉलेज, हब, केंद्र स्थापित किए जाएंगे और प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद उम्मीदवारों को प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। किस तरह के कौशल की आवश्यकता है, इसका विवरण भी कंपनियों से लिया जाएगा। उसी के अनुसार प्रशिक्षित किया जाएगा और संबंधित कंपनियों से जोड़ा जाएगा। प्रशिक्षण के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना और केन्द्रीय सरकारी क्षेत्र कौशल परिषदों की सेवाओं का भी उपयोग किया जाएगा।


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