ग्रामीण वनांचल क्षेत्रों में दिखा भारत बंद का असर, SC/ST एवं अन्य वर्ग के लोगों ने भी बढ़-चढ़ कर लिया हिस्सा


के कुमार आहूजा  2024-08-22 07:00:24



ग्रामीण वनांचल क्षेत्रों में दिखा भारत बंद का असर, SC/ST एवं अन्य वर्ग के लोगों ने भी बढ़-चढ़ कर लिया हिस्सा

छत्तीसगढ़/कोरबा (अशोक दीवान) पाली के वनांचल क्षेत्र सपालवा में भी आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति की तरफ से 21 अगस्त यानी बुधवार को देशभर में बंद का ऐलान किया गया था। समिति ने आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में यह कदम उठाया। हालांकि, खबरें हैं कि इस दौरान सरकारी दफ्तर, मेडिकल दुकान, बैंक और जरूरी सेवाएं जारी रहीं। बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने भी अनुसूचित जाति SC और अनुसूचित जनजाति ST का प्रतिनिधित्व कर रहे संगठनों की तरफ से बुलाए गए बंद का समर्थन किया।

भारत बंद को लेकर ग्रामीण क्षेत्र में इसका असर देखने को मिला। जिसमें ST, SC एवं अन्य वर्ग समाज के भी लोगों ने जमकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध किया। इतना ही नहीं अगर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो उग्र आंदोलन करने चेतावनी भी दी। विरोध कर रहे लोगों ने आरोप लगाया कि हमारे भाई चारे के रिश्ते को तोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ आदिवासी बहुमूल्य प्रदेश है। यहां बंद का प्रभाव देखने को मिला। लेकिन कोरबा जिले की बात करें तो बंद का कोई असर नहीं है। कटघोरा में सभी स्कूल-कॉलेज, बस सेवा, पेट्रोल पंप और दुकानें खुली रही। वहीं नगर के चौंक चौराहों में पुलिस अलर्ट मोड पर रही। छत्तीसगढ़ में बंद के लिए बहुजन समाज पार्टी, सर्व आदिवासी समाज और भारतीय बौद्ध महासभा ने समर्थन दिया था। इस दौरान सर्व आदिवासी समाज के कार्यकारी अध्यक्ष कहना था कि आज भारत बंद का आयोजन किया गया, छत्तीसगढ़ में इसका असर दिख रहा है।


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