सहकारी बैंक में हुए 4 करोड़ के घोटाले की CBI करेगी जांच, 7 कर्मचारी सस्पेंड, 10 के खिलाफ विभागीय जांच जारी
के कुमार आहूजा 2024-08-21 20:40:00
सहकारी बैंक में हुए 4 करोड़ के घोटाले की CBI करेगी जांच, 7 कर्मचारी सस्पेंड, 10 के खिलाफ विभागीय जांच जारी
हिमाचल प्रदेश में राज्य सहकारी बैंक ने जिला सिरमौर की नौहराधार शाखा में चार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले की सीबीआई से जांच करवाने का फैसला लिया है। बैंक प्रबंधन ने मामले की विस्तृत जांच के लिए केंद्रीय एजेंसी को पूरी जानकारी दे दी है।
मामला संज्ञान में आते ही बैंक प्रबंधन ने नौहराधार शाखा में कार्यरत सात कर्मचारी निलंबित कर दिए, तो वहीं 10 कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। शाखा का अन्य स्टाफ भी बदल दिया गया है। सभी कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया हैं।
अब तक 4 करोड़ से अधिक की धाधंली की जानकारी
इस मामले में प्रारंभिक विभागीय जांच में पता चला है कि नौहराधार शाखा के सहायक प्रबंधक ने फर्जी ऋण खाते खोलकर पैसों का गबन किया है। अब तक की जांच से चार करोड़ से अधिक राशि के घोटाले के आसार हैं। असल राशि को जानने के लिए विभागीय अधिकारी जुटे हुए हैं।
राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष देवेंद्र श्याम ने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं बैंक के लिए बेहद ही चिंतनीय व अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच के अनुसार अभी तक लगभग 4.02 करोड़ की गबन राशि का पता चला है। विस्तृत विभागीय जांच जारी है। जांच के बाद ही सही पता चल पाएगा कि संबंधित कर्मचारी ने कितनी राशि की हेराफेरी की है।
सीबीआई करेगी मामले की जांच
उन्होंने कहा कि बैंक प्रबंधन ने इस मामले को अति संवेदनशील मानते हुए तथा नाबार्ड द्वारा तय मानदंडो के अनुरूप इसकी जांच सीबीआई से करवाने का निर्णय लिया है। बैंक अध्यक्ष ने सभी ग्राहकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा बैंक में जमा की गई पूंजी पूरी तरह से सुरक्षित है। उन्हें किसी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
बैंक अपने ग्राहकों के प्रति पूरी निष्ठा रखता है और समर्पित भाव से उन्हें सभी प्रकार की बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए वचनबद्ध है।
इस तरफ के धोखाधड़ी स्वीकार्य नहीं: प्रबंध निदेशक
वहीं, बैंक के प्रबंध निदेशक श्रवण मांटा ने कहा कि बैंक कर्मचारी संस्था की रीढ़ हैं। उनके द्वारा इस प्रकार की धोखाधड़ी को अंजाम देना बैंक व ग्राहक समुदाय के साथ जघन्य विश्वासघात है।
इस प्रकार के कृत्यों को अंजाम देना किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं होगा। भविष्य में इस प्रकार की धोखाधड़ी या जालसाजी की पुर्नावृति न हो उसके लिए जो भी आवश्यक कदम या प्रावधान करने की जरूरत होगी, बैंक सख्त से सख्त कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा।