बजरंग धोरे पर सिंचित क्षेत्र विकास के सेवानिवृत्त कर्मचारियों का स्नेह मिलन: एक नई शुरुआत
के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा 2024-08-20 15:18:29
बजरंग धोरे पर सिंचित क्षेत्र विकास के सेवानिवृत्त कर्मचारियों का स्नेह मिलन: एक नई शुरुआत
सेवानिवृत्त कर्मचारियों का स्नेह मिलन: सेवा का एक और अध्याय
बीकानेर में श्रीहनुमान मंदिर, बजरंग धोरे पर सिंचित क्षेत्र विकास, इंदिरा गांधी नहर परियोजना के सेवानिवृत्त कर्मचारियों और अधिकारियों का स्नेह मिलन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर सभी ने एक साथ मिलकर श्रीरामचरित मानस के सुंदरकांड का पाठ किया, जिसमें बजरंगबली से सभी के स्वास्थ्य, दीर्घायु, और सुख-शांति की कामना की गई। कार्यक्रम ने न केवल पुराने सहयोगियों को फिर से जोड़ा, बल्कि उनके जीवन के इस नए चरण में उनके बीच के संबंधों को और भी मजबूत किया।
सुंदरकांड का सामूहिक पाठ: आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार
कार्यक्रम की शुरुआत श्रीरामचरित मानस के सुंदरकांड के सामूहिक पाठ से हुई, जिसमें सभी उपस्थित जनों ने हनुमानजी की आराधना की। इस आध्यात्मिक आयोजन में बल, बुद्धि, और विवेक प्रदान करने वाले हनुमानजी महाराज की विशेष पूजा की गई। यह पूजा विशेष रूप से उन वरिष्ठ नागरिकों के लिए की गई जो 65 वर्ष या उससे अधिक आयु प्राप्त कर चुके हैं, ताकि उन्हें शतायु और स्वास्थ्य प्राप्त हो।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए प्रार्थना और महाप्रसाद का आयोजन
सामूहिक पाठ के पश्चात् महा आरती और महाप्रसाद का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सभी ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और हनुमानजी से प्रार्थना की कि विश्वभर के सभी नागरिक दीर्घायु और स्वस्थ रहें। आयोजन समिति के कार्यक्रम संयोजक बजरंग लाल व्यास ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी वरिष्ठ साथियों के तन-मन-धन से मिले सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
पुरानी यादों का ताजा होना और विचारों का आदान-प्रदान
स्नेह मिलन के दौरान सभी साथियों ने एक-दूसरे के परिवार के बारे में जानकारी ली और पुरानी यादों को ताजा करते हुए विचारों का आदान-प्रदान किया। यह कार्यक्रम न केवल पुराने दोस्तों से मिलने का मौका था, बल्कि उन यादों को फिर से जीने का भी अवसर था जो उन्होंने अपनी सेवा के दौरान एक साथ बिताई थीं। इस मिलन ने सभी को एक बार फिर से उस समय की याद दिलाई जब वे एक साथ मिलकर काम करते थे।
भविष्य के आयोजनों की रूपरेखा
स्नेह मिलन में भाग लेने वाले लगभग 100 साथियों ने इस कार्यक्रम की सराहना की और इसे एक नई शुरुआत का प्रतीक बताया। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसा ही आयोजन अगले वर्ष विक्रम संवत् 2082, अप्रैल 2025 में भी आयोजित किया जाना चाहिए। यह सुझाव सभी ने सहर्ष स्वीकार किया और इस प्रकार भविष्य में भी इस तरह के मिलन की परंपरा बनाए रखने का संकल्प लिया गया।
सेवानिवृत्ति के बाद भी जीवंत संबंध
यह स्नेह मिलन यह साबित करता है कि सेवानिवृत्ति केवल कार्य से निवृत्ति होती है, संबंधों से नहीं। यह कार्यक्रम उन रिश्तों को जीवंत रखने का एक प्रयास था, जो कार्यकाल के दौरान बने थे। इस मिलन ने सभी को यह अहसास कराया कि जीवन के इस नए चरण में भी वे एक-दूसरे के साथ जुड़े रह सकते हैं और एक-दूसरे की खुशियों और दुखों में सहभागी बन सकते हैं।
संगठन की एकजुटता और समर्पण का प्रदर्शन
इस आयोजन में बजरंग लाल व्यास, श्री कल्याण सुथार, श्री कन्हैया लाल पंवार, और सत्यनारायण पंवार जैसे वरिष्ठ साथियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इनके नेतृत्व में इस स्नेह मिलन ने संगठन की एकजुटता और समर्पण को प्रदर्शित किया। सभी ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में तन-मन-धन से योगदान दिया, जिससे यह आयोजन एक यादगार और प्रेरणादायक अनुभव बन गया।