पूर्वी लद्दाख में LAC पर फिर भिड़े भारत और चीन के सैनिक? सेना ने बताई सच्चाई
के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा 2024-08-17 17:32:52
पूर्वी लद्दाख में LAC पर फिर भिड़े भारत और चीन के सैनिक? सेना ने बताई सच्चाई
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद कोई नई बात नहीं है। पूर्वी लद्दाख में साल 2020 के दौरान दोनों देशों की सेना आमने-सामने आ चुकी है। दोनों देशों की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में झड़प भी हुई थी।
इस झड़प के बाद ही दोनों पक्षों के बीच सीमा पर तनाव कम करने के लिए बातचीत की बैठक होती रही है। इन बैठकों का एक ही मकसद रहा है कि र्वी लद्दाख में भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच तनाव को कम किया जा सके।
LAC विवाद को लेकर किए गए कई दावे
इस बीच दावा गया है कि एक बार फिर से पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारतीय सैनिकों की चीनी जवानों से झड़प हो गई है। ये भी दावा किया जा रहा है कि एलएसी पर लगातार माहौल बिगड़ रहा है। दोनों सैनिकों के बीच झड़प हुई है, जिसने सीमा पर तनाव बढ़ा दिया है। वहीं, अब भारतीय सेना की तरफ से इस पूरे मामले पर बयान दिया गया है, जिसने इन चर्चाओं पर पूरी तरह से विराम लगाया है।
सीमा विवाद को लेकर भारतीय सेना ने क्या कहा?
भारतीय सेना की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया गया है। इसमें पूर्वी लद्दाख में चीन के सैनिकों के साथ टकराव की खबरों को फर्जी करार दिया गया है। सेना ने साफ कर दिया है कि सीमा पर इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है। सेना ने कहा है कि लोगों को अफवाहों से बचना चाहिए, क्योंकि इस तरह की कोई घटना सामने नहीं आई है।
एक पोस्ट में सेना ने कहा, अफवाहों से बचें। भारतीय सेना और पीएलए सैनिकों के बीच हुई झड़प के बारे में सोशल मीडिया पर फर्जी मैसेज सर्कुलेट किए जा रहे हैं। ये खबर गलत है और इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है। सभी से फेक न्यूज के खिलाफ सावधानी बरतने की अपील की जाती है।
पोस्ट में उन एक्स पोस्ट के स्क्रीनशॉट को भी शेयर किया गया है, जिन्होंने ये अफवाह फैलाई थी।
कैसे फैली LAC विवाद को लेकर अफवाह?
दरअसल, एक्स पर कई यूजर्स ने पोस्ट किया कि पूर्वी लद्दाख के बुर्त्से इलाके में सेना और पीएलए के जवानों के बीच झड़प हुई है। दावा किया गया कि झड़प की घटना लद्दाख के पिलर प्वाइंट पर 12 पर हुई है। इस झड़प में गढ़वाल और चीन के 14 सैनिक शामिल थे। जब ये अफवाह तेजी से फैलने लगी तो सेना ने सामने आकर इसका खंडन कर दिया।