वैज्ञानिकों का वायनाड आपदा पर बड़ा दावा: जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश ने लिया खतरनाक रूप


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा   2024-08-16 17:52:52



वैज्ञानिकों का वायनाड आपदा पर बड़ा दावा: जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश ने लिया खतरनाक रूप

केरल के वायनाड जिले में पिछले महीने मेप्पाडी के पास विभिन्न पहाड़ी इलाकों में आए भूस्खलन ने भारी तबाही मचा दी थी। इस प्राकृतिक आपदा के कारण 300 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि सैकड़ों घायल हैं। अब इस भूस्खलन को लेकर एक अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों की टीम ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। इनके अध्ययन के अनुसार, केरल के पारिस्थितिकी रूप से नाजुक वायनाड जिले में घातक भूस्खलन की वजह भारी बारिश थी। इसने जलवायु परिवर्तन के कारण 10 प्रतिशत ज्यादा खतरनाक रूप ले लिया। भारत, स्वीडन, अमेरिका और ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि जलवायु गर्म होने के साथ ही ऐसी घटनाएं आम होने लगेंगी।

जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश की तीव्रता में वृद्धि

मानवजनित जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का आकलन करने के लिए, वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन (डब्ल्यूडब्ल्यूए) समूह के वैज्ञानिकों ने उच्च-रिजॉल्यूशन जलवायु मॉडल का विश्लेषण किया। इन मॉडलों ने जलवायु परिवर्तन के कारण बारिश की तीव्रता में 10 प्रतिशत की वृद्धि का संकेत दिया। वे यह भी भविष्यवाणी करते हैं कि 1850-1900 के औसत की तुलना में वैश्विक तापमान दो डिग्री सेल्सियस बढ़ने पर, इसमें चार प्रतिशत की और वृद्धि होगी।

इसलिए भारी बारिश होती है

हालांकि, वैज्ञानिकों ने कहा कि मॉडल के परिणामों में अनिश्चितता का उच्च स्तर है, क्योंकि अध्ययन छोटे और पहाड़ी क्षेत्रों पर किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि एक दिन की भारी वर्षा की घटनाओं में वृद्धि, भारत सहित गर्म होते विश्व में अत्यधिक बारिश के बारे में बढ़ते वैज्ञानिक प्रमाणों से मेल खाती है। इससे साफ होता है कि एक गर्म वातावरण अधिक नमी धारण करता है, जिससे भारी बारिश होती है। वैश्विक तापमान में हर एक डिग्री सेल्सियस की वृद्धि के लिए वायुमंडल में नमी धारण करने की क्षमता लगभग सात प्रतिशत बढ़ जाती है।

क्यों बढ़ रहा वैश्विक तापमान

ग्रीनहाउस गैसों, मुख्य रूप से कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन की बढ़ती सांद्रता के कारण पृथ्वी का वैश्विक सतह का तापमान पहले ही लगभग 1.3 डिग्री सेल्सियस बढ़ चुका है। वैज्ञानिक इस वृद्धि को दुनिया भर में सूखे, गर्मी की लहरों और बाढ़ जैसी खराब मौसम की घटनाओं के लिए जिम्मेदार मानते हैं।


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