बांग्लादेश की घटनाओं ने आजादी की असली अहमियत याद दिलाई; चीफ जस्टिस बोले- पड़ोसी देश अहम सबक


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा   2024-08-16 17:42:08



बांग्लादेश की घटनाओं ने आजादी की असली अहमियत याद दिलाई; चीफ जस्टिस बोले- पड़ोसी देश अहम सबक

बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। हिंसा की घटनाओं को लेकर चिंता के माहौल के बीच भारत ने आज 78वें स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया। सुप्रीम कोर्ट में भी 15 अगस्त के मौके पर ध्वजारोहण किया गया। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इस मौके पर बांग्लादेश की हालिया घटनाओं को सबक करार दिया। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश के हालात इस बात का स्पष्ट उदाहरण हैं कि इंसान के जीवन में स्वाधीनता और आजादी कितने अहम तत्व हैं। सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि कई वकीलों ने भी स्वाधीनता की लड़ाई में अपना सबकुछ देश पर न्यौछावर कर दिया। वकालत पेशा छोड़कर पेशेवर वकीलों ने आजादी की लड़ाई में भाग लेने का फैसला लिया, जो प्रेरक उदाहरण है।

आजादी के साथ स्वाधीनता बेहद महत्वपूर्ण

सुप्रीम कोर्ट परिसर में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद सीजेआई ने पत्रकारों से बात की। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त का दिन हमें देश के लोगों के लिए, एक-दूसरे के प्रति और संविधान के सभी मूल्यों को साकार करने के राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों की याद दिलाता है। उन्होंने कहा कि आज बांग्लादेश में जो कुछ हो रहा है, वह साफ तौर पर याद दिलाता है कि स्वतंत्रता हमारे लिए कितनी मूल्यवान है। उन्होंने आजादी के साथ-साथ स्वाधीनता (Freedom and Liberty) का जिक्र करते हुए कहा कि इन मूल्यों को हल्के में लेना बहुत आसान है, लेकिन इतिहास की कहानियों को समझना बेहद महत्वपूर्ण है, ताकि हमें हमेशा याद रहे कि आजादी के साथ स्वाधीनता कितनी महत्वपूर्ण है।

आधुनिक न्यायपालिका के लिए सुलभ और समावेशी बुनियादी ढांचा जरूरी

कानून जगत के पेशेवरों को स्वाधीनता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि 15 अगस्त का दिन हमें एक-दूसरे के प्रति और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को याद करने का मौका है। उन्होंने कहा कि न्यायालयों का काम आम भारतीयों के दैनिक जीवन में आने वाली कठिनाइयों से जूझने के संघर्ष को दिखाता है। उन्होंने आधुनिक न्यायपालिका के लिए सुलभ और समावेशी बुनियादी ढांचे को जरूरी करार दिया।

संविधान को आत्मसात करने पर विकसित राष्ट्र बन जाएगा भारत

उच्चतम न्यायालय के समारोह में मौजूद केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संविधान को सबसे ऊपर करार दिया। उन्होंने कहा कि कुछ ही दिनों पहले खुद सीजेआई ने संविधान को विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका से ऊपर बताते हुए कहा था कि इसे आत्मसात करने पर भारत विकसित राष्ट्र बन जाएगा।

पड़ोसी देश की अशांति पर चीफ जस्टिस की टिप्पणी बेहद अहम

बांग्लादेश के हालात पर चीफ जस्टिस की टिप्पणी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हमले की व्यापक घटनाएं सामने आई हैं। भारत ने इस पर चिंता भी जताई है। बढ़ती अशांति के बीच पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को पांच अगस्त को इस्तीफा देना पड़ा और राजधानी ढाका छोड़कर भागना पड़ा। फिलहाल, बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन किया गया है। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित मोहम्मद यूनुस की इस सरकार में 17 सदस्यों को शामिल किया गया है। सियासी उथल-पुथल के कारण देश की संसद भंग हो चुकी है। ऐसे में अब नजरें अगले आम चुनाव पर भी टिकी हैं।


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