आजादी के दीवानों का स्मरण: पीएम मोदी का 2047 का सपना और शत-प्रतिशत सैचुरेशन का लक्ष्य


के कुमार आहूजा  2024-08-16 07:14:27



आजादी के दीवानों का स्मरण: पीएम मोदी का 2047 का सपना और शत-प्रतिशत सैचुरेशन का लक्ष्य

स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के अनगिनत दीवानों को नमन करते हुए उनके संघर्ष और बलिदान को याद किया। पीएम मोदी ने 2047 में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का सपना साझा किया, जिसमें सरकार का दखल सामान्य नागरिक के जीवन में न्यूनतम होगा। उन्होंने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बड़े सुधारों की दिशा में उठाए गए कदमों का उल्लेख किया।

आजादी के दीवानों का स्मरण और पीएम मोदी का सपना

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत आजादी के दीवानों को नमन करते हुए की। उन्होंने कहा कि यह पर्व उन महान विभूतियों के बलिदान का स्मरण करने का है जिन्होंने हमें आजादी दिलाई। पीएम मोदी ने 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का सपना व्यक्त किया, जिसमें नागरिकों के जीवन में सरकारी दखल को कम करने का लक्ष्य रखा गया है।

2047 का सपना और नागरिकों के जीवन में सरकार का न्यूनतम दखल

प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके सपने का भारत ऐसा होगा जहाँ हर नागरिक को सभी आवश्यक सेवाओं का शत-प्रतिशत लाभ मिलेगा। उन्होंने इस लक्ष्य को पाने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे बड़े सुधारों पर जोर दिया, जो कि देश के भविष्य को संवारने में सहायक होंगे।

शत-प्रतिशत सैचुरेशन का लक्ष्य

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में सैचुरेशन की बात की, जिसका मतलब है कि सभी नागरिकों तक सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का शत-प्रतिशत लाभ पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब सैचुरेशन की बात होती है, तो उसमें जातिवाद, धर्म, या किसी अन्य प्रकार का भेदभाव नहीं होता। प्रधानमंत्री ने जोर दिया कि यह सरकार का संकल्प है कि हर नागरिक को उसका हक मिले और कोई भी पीछे न छूटे।

शत-प्रतिशत लाभ और बिना भेदभाव की योजनाएँ

पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कई सुधार किए हैं कि हर व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचे। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया केवल आर्थिक विकास के लिए नहीं, बल्कि समाज में समानता और न्याय स्थापित करने के लिए भी आवश्यक है।

बड़े सुधारों का प्रभाव: जमीनी स्तर पर परिवर्तन

प्रधानमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार ने बड़े सुधारों को जमीन पर उतारने का कार्य किया है, जिससे लोगों के जीवन में बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि ये सुधार न केवल आर्थिक क्षेत्र में बल्कि समाज के हर वर्ग के जीवन को बेहतर बनाने के लिए किए गए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन सुधारों से भारत को एक समृद्ध राष्ट्र बनाने में मदद मिलेगी।

सुधारों से जीवन में परिवर्तन

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि इन सुधारों का उद्देश्य केवल आर्थिक प्रगति नहीं, बल्कि समाज के हर व्यक्ति को उसका हक दिलाना है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया धीरे-धीरे सभी क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन ला रही है, जिससे देश की दिशा और गति दोनों ही सही दिशा में बढ़ रही हैं।

सपनों और संकल्पों से भरा भारत

प्रधानमंत्री ने कहा कि देशवासियों की विशाल सोच, बड़े सपने और दृढ़ संकल्प देश को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह आत्मविश्वास ही है जो देश को हर चुनौती से पार पाने और समृद्ध भारत बनाने की दिशा में ले जा रहा है। प्रधानमंत्री ने इस आत्मविश्वास को बनाए रखने की अपील की और कहा कि इससे देश को नई ऊँचाइयाँ हासिल होंगी।

आत्मविश्वास और संकल्प की शक्ति

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत का आत्मविश्वास अब नई ऊँचाइयों को छू रहा है। उन्होंने कहा कि जब देशवासियों के सपने इतने बड़े होते हैं, तो यह सरकार को और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित करता है। प्रधानमंत्री ने देशवासियों को विश्वास दिलाया कि हम सभी चुनौतियों का सामना कर समृद्ध भारत का निर्माण कर सकते हैं।

भारत की प्रगति में रोड़े अटकाने वालों से सावधान

लाल किले की प्राचीर से 78वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में देशवासियों को चेताया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अपनी विकृत मानसिकता के चलते देश की प्रगति में बाधा डालना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने इन तत्वों से सावधान रहने का आह्वान किया और देश को एकता, ईमानदारी और समर्पण के साथ आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया। 

विकृत मानसिकता वाले तत्वों से सावधान रहें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि देश में ऐसे लोग भी हैं जो भारत की प्रगति को सहन नहीं कर सकते। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक इन लोगों का स्वार्थ नहीं सधता, तब तक वे देश का भला नहीं सोच सकते। इन विकृत मानसिकता वाले लोगों को प्रधानमंत्री ने निराशा की गर्त में डूबे हुए बताया और कहा कि ये लोग देश को विनाश की ओर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं।

विकृति से प्रेरित खतरनाक सोच

प्रधानमंत्री ने कहा कि ये लोग सिर्फ अपने निहित स्वार्थ के कारण देश की प्रगति में बाधक बनते हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे लोग, जब उनके स्वार्थों की पूर्ति नहीं होती, तो वे समाज में अराजकता फैलाने का प्रयास करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन विकृत मानसिकताओं से निपटने के लिए देश को सतर्क रहना होगा।

मजबूत बैंकिंग प्रणाली, भारत की सफलता

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार द्वारा किए गए आर्थिक सुधारों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत की बैंकिंग प्रणाली आज दुनिया की सबसे मजबूत बैंकिंग प्रणालियों में से एक है। इसके लिए उन्होंने अपनी सरकार के बड़े सुधारों को श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि इन सुधारों की वजह से भारतीय बैंक वैश्विक स्तर पर मजबूती से खड़े हैं और यह भारत की औपचारिक अर्थव्यवस्था को बल प्रदान करता है।

आर्थिक सुधार और बैंकिंग सेक्टर की मजबूती

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बैंकिंग प्रणाली भारत के विकास की नींव है। उन्होंने बताया कि वैश्विक आर्थिक संकट के समय भी भारतीय बैंकिंग प्रणाली मजबूत रही, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर बनी रही। यह भारत की आर्थिक नीतियों की सफलता का प्रमाण है।

निराशावादी तत्वों से देश को बचाना होगा

प्रधानमंत्री ने निराशावादी तत्वों की निंदा करते हुए कहा कि ये लोग अपनी विकृत मानसिकता के चलते देश को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों की सोच विनाश की ओर ले जाती है, जिससे देश को बड़ा नुकसान होता है।

निराशा में डूबे लोगों की हानिकारक प्रवृत्ति

प्रधानमंत्री ने देशवासियों को सतर्क करते हुए कहा कि हमें ऐसे लोगों से बचना होगा और अपने नेक इरादों के साथ आगे बढ़ना होगा। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे इन विकृत मानसिकता वाले लोगों के बहकावे में न आएं और देश के विकास में योगदान दें।

भारत की चुनौतियां और उसके समाधान

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में भारत की चुनौतियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे भारत ताकतवर बनता जाएगा, चुनौतियां भी बढ़ती जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह चुनौतियां न सिर्फ भीतर से बल्कि बाहर से भी आएंगी। प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि भारत इन चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है।

आंतरिक और बाहरी चुनौतियों से जूझता भारत

उन्होंने कहा कि भारत का विकास किसी भी देश के लिए संकट नहीं है। जब भारत विश्व में समृद्ध था, तब भी उसने कभी किसी को युद्ध में नहीं झोंका। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत शांति और समृद्धि का संदेश देता है और आगे भी देता रहेगा।

भारत के विकास में योगदान देने की अपील

प्रधानमंत्री ने देशवासियों से आग्रह किया कि वे देश की प्रगति में योगदान दें और उन तत्वों से सतर्क रहें जो देश को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश को आगे बढ़ाने के लिए हमें एकजुट होकर काम करना होगा और हर परिस्थिति में देश की भलाई के लिए समर्पित रहना होगा।

समर्पण और ईमानदारी के साथ देश को आगे बढ़ाने की अपील

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण के अंत में कहा कि भारत की प्रगति सुनिश्चित करने के लिए हमें अपनी एकता और ईमानदारी बनाए रखनी होगी। उन्होंने कहा कि देश को आगे ले जाने के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण है कि हम अपने संकल्प से कभी पीछे न हटें और हर परिस्थिति में देश की भलाई के लिए काम करें।

चुनौतियों को पार करते हुए समृद्धि की ओर

अपने भाषण के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं और कहा कि हर चुनौती को पार करते हुए हम समृद्ध भारत बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह तभी संभव है जब हम सभी अपने सपनों को साकार करने के लिए एकजुट हों और अपने संकल्प से कभी पीछे न हटें।

चुनौतियों से पार पाकर समृद्धि की ओर अग्रसर भारत

प्रधानमंत्री ने कहा कि समृद्ध भारत का सपना तब साकार होगा जब हर नागरिक अपनी भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि हमें एकजुट होकर आगे बढ़ना होगा और देश के हर हिस्से में सुधारों को लागू करना होगा। प्रधानमंत्री ने देशवासियों से अपील की कि वे इस स्वतंत्रता दिवस पर अपने संकल्प को और दृढ़ करें और देश की प्रगति में योगदान दें।


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