इजरायल के लिए अमेरिका का विशाल हथियार पैकेज: $20 अरब की डील से बदल जाएगा मिडिल ईस्ट का समीकरण


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा   2024-08-15 07:28:40



इजरायल के लिए अमेरिका का विशाल हथियार पैकेज: $20 अरब की डील से बदल जाएगा मिडिल ईस्ट का समीकरण

 इजरायल के लिए अमेरिकी हथियारों की मंजूरी: मिडिल ईस्ट में नई शक्ति का उदय

अमेरिका-इजरायल डील: मिडिल ईस्ट में नया शक्ति संतुलन

अमेरिका ने हाल ही में इजरायल के साथ एक विशाल हथियार पैकेज की मंजूरी दी है, जिसकी कुल कीमत $20 अरब है। यह डील तब हुई है जब मिडिल ईस्ट में पहले से ही तनाव का माहौल बना हुआ है। इस डील के माध्यम से अमेरिका ने इजरायल की सुरक्षा को मजबूत करने और उसकी आत्मरक्षा क्षमता को और उन्नत बनाने का संकल्प लिया है। हालांकि, इन हथियारों की डिलीवरी में कई साल लग सकते हैं, लेकिन यह डील अपने आप में वैश्विक राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

इजरायल की सुरक्षा के प्रति अमेरिकी प्रतिबद्धता

अमेरिका का मानना है कि इजरायल की सुरक्षा को मजबूत करना उसके राष्ट्रीय हितों के लिए आवश्यक है। इस डील के तहत, अमेरिका ने इजरायल को 50 एफ-15 लड़ाकू विमान, टैंक कारतूस, मोर्टार कारतूस और नए सैन्य कार्गो वाहन की बिक्री की मंजूरी दी है। यह कदम तब उठाया गया है जब राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजरायल और हमास के बीच चल रहे तनाव को कम करने के लिए युद्धविराम पर जोर दिया है। यह डील इस बात का संकेत है कि अमेरिका इजरायल की सुरक्षा के लिए कितनी गंभीरता से प्रतिबद्ध है।

इजरायल को मिलेगी नई सैन्य ताकत

इस डील के तहत इजरायल को जो एफ-15 लड़ाकू विमान मिलेंगे, वे उसके मौजूदा बेड़े को उन्नत करेंगे और इसमें रडार और सुरक्षित संचार उपकरण शामिल होंगे। यह विमान 2029 तक डिलीवर किए जाएंगे, जिससे इजरायल की हवाई सुरक्षा में नई ताकत का संचार होगा। इसके अलावा, टैंक कारतूस और विस्फोटक मोर्टार कारतूस जैसी चीजें इजरायल की जमीनी सुरक्षा को और मजबूत करेंगी।

बाइडन प्रशासन पर दबाव

बाइडन प्रशासन की इस डील को लेकर कई मानवाधिकार समूहों और डेमोक्रेटिक पार्टी के कुछ वामपंथी सदस्यों ने आलोचना की है। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया है कि इजरायल को हथियारों की बिक्री पर अंकुश लगाया जाए या इसे पूरी तरह से रोका जाए। हालांकि, कांग्रेस को अभी भी इस डील को रोकने का अधिकार है, लेकिन यह प्रक्रिया आसान नहीं है। इस डील के पक्ष में अमेरिकी सरकार का यह तर्क है कि इजरायल की सुरक्षा और स्थिरता को सुनिश्चित करना मिडिल ईस्ट में शांति बनाए रखने के लिए जरूरी है।

हमास और इजरायल के बीच बढ़ता तनाव

इस डील की घोषणा के साथ ही मिडिल ईस्ट में तनाव और बढ़ने की संभावना है। हाल ही में इजरायली हवाई हमले में गाजा के एक स्कूल में 93 फिलिस्तीनी मारे गए, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है। इजरायल का दावा है कि उसने आतंकवादियों को निशाना बनाया, जबकि हमास का कहना है कि निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाया गया है। इस स्थिति में बाइडन प्रशासन ने चिंता जताई है और सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की है।

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय इस डील पर बारीकी से नजर रख रहा है। यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र ने इस मुद्दे पर संयम बरतने की अपील की है। उनका कहना है कि यह डील मिडिल ईस्ट में पहले से मौजूद तनाव को और बढ़ा सकती है। वहीं, इजरायल के समर्थकों का कहना है कि यह डील इजरायल को सुरक्षा के साथ-साथ स्थिरता भी प्रदान करेगी।

निष्कर्ष: मिडिल ईस्ट का भविष्य

इस डील के बाद मिडिल ईस्ट में क्या परिवर्तन होंगे, यह देखने लायक होगा। इजरायल की नई सैन्य ताकत उसे और सशक्त बनाएगी, लेकिन यह देखना भी महत्वपूर्ण होगा कि इस डील का क्षेत्रीय और वैश्विक राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ेगा। अमेरिका की यह डील इजरायल की सुरक्षा के लिए एक मजबूत कदम है, लेकिन इसके परिणामस्वरूप मिडिल ईस्ट में तनाव और बढ़ सकता है।


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