साल में केवल एक दिन खुलने वाला मंदिर नागचंद्रेश्वर, कल 24 घंटे खुला रहेगा


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा   2024-08-13 05:58:03



साल में केवल एक दिन खुलने वाला मंदिर नागचंद्रेश्वर, कल 24 घंटे खुला रहेगा

नागचंद्रेश्वर मंदिर के दर्शन से मिलेगा कालसर्प दोष से छुटकारा 

साल में केवल एक दिन मिलता है दर्शन करने का मौका

उज्जैन का नागचंद्रेश्वर मंदिर एक ऐसा धार्मिक स्थल है, जो अपनी विशेषता और अनोखेपन के कारण हर साल लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। यह मंदिर साल में केवल एक बार, नागपंचमी के दिन, 24 घंटे के लिए अपने भक्तों के लिए खोला जाता है। इस बार 8 अगस्त, गुरुवार की मध्यरात्रि से मंदिर के कपाट खोले जाएंगे और अगले दिन 9 अगस्त, शुक्रवार की अर्धरात्रि तक भक्तों के लिए खुले रहेंगे। उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने इस बात की पुष्टि की है और साथ ही सुरक्षा और व्यवस्था के कड़े इंतजाम करने का आश्वासन दिया है।

नागचंद्रेश्वर मंदिर की विशेषता

नागचंद्रेश्वर मंदिर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर परिसर के ऊपरी हिस्से में स्थित है। इस मंदिर की खासियत है कि इसे साल में केवल एक बार, नागपंचमी के दिन ही खोला जाता है। मंदिर में नागचंद्रेश्वर महादेव की मूर्ति स्थापित है, जिसमें भगवान शिव के गले और भुजाओं में भुजंग (सांप) लिपटे हुए हैं। इस अद्भुत प्रतिमा को नेपाल से लाया गया था और यह केवल उज्जैन में ही पाई जाती है।

माना जाता है कि नागचंद्रेश्वर मंदिर के दर्शन मात्र से भक्तों को कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। यह मान्यता सदियों पुरानी है और यही कारण है कि हर साल नागपंचमी के दिन लाखों भक्त इस मंदिर में दर्शन के लिए उमड़ पड़ते हैं।

मंदिर के दर्शन का महत्त्व

नागपंचमी के दिन मंदिर के कपाट खुलते ही मध्यरात्रि में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस पूजा का नेतृत्व पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनित गिरी महाराज और महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष नीरज कुमार सिंह करेंगे। यह पूजा त्रिकाल (तीन बार) की जाती है, जिसमें भक्तजन भी शामिल होते हैं और भगवान नागचंद्रेश्वर का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

नागचंद्रेश्वर मंदिर की एतिहासिक पृष्ठभूमि

नागचंद्रेश्वर मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। मंदिर की स्थापना और इसके विशेष दर्शन की परंपरा सदियों से चली आ रही है। कहा जाता है कि इस मंदिर की प्रतिमा नेपाल के काठमांडू से लाई गई थी। नेपाल और भारत में सांपों की पूजा का एक लंबा इतिहास रहा है, और यह मंदिर इस परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

मंदिर में स्थापित प्रतिमा अद्वितीय है और इसे देखने के लिए दुनिया भर से लोग आते हैं। इस प्रतिमा में भगवान शिव की भव्यता और सांपों की कलात्मकता का अद्भुत संयोजन देखने को मिलता है।

हर साल नागपंचमी के अवसर पर उज्जैन में लाखों भक्त उमड़ते हैं, जिससे प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति बन जाती है। पिछले कुछ सालों में मंदिर के दर्शन के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं।

पिछले साल भी नागचंद्रेश्वर मंदिर के दर्शन के दौरान भारी भीड़ उमड़ी थी। प्रशासन ने इस बार भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष इंतजाम किए थे, जिसमें पुलिस बल की तैनाती, सीसीटीवी कैमरों की निगरानी, और मेडिकल सुविधाओं की व्यवस्था शामिल है।

इस साल भी प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने और भक्तों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष तैयारियां की हैं। उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं और इस बार दर्शन को और भी सुगम बनाने के लिए नई तकनीकों का भी उपयोग किया जाएगा।

नागचंद्रेश्वर मंदिर की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

नागचंद्रेश्वर मंदिर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी बहुत अधिक है। यह मंदिर भगवान शिव के एक अद्वितीय रूप की पूजा का स्थान है। नागपंचमी के दिन इस मंदिर के दर्शन का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन भगवान शिव के नाग रूप की पूजा की जाती है।

हिंदू धर्म में नागों का विशेष स्थान है। नागों को भगवान शिव का आभूषण माना जाता है, और नागपंचमी के दिन नागों की पूजा करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है। नागचंद्रेश्वर मंदिर में भी इसी मान्यता के आधार पर पूजा की जाती है।

मंदिर के दर्शन की प्रथा

नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन करने के लिए भक्तों को लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता है। मंदिर के कपाट खुलते ही भक्तों की लंबी लाइन लग जाती है, और 24 घंटे तक यह सिलसिला चलता रहता है। इस दौरान मंदिर परिसर में विशेष व्यवस्था की जाती है ताकि भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

मंदिर के भीतर भक्तों को दर्शन के लिए केवल कुछ मिनटों का समय मिलता है, लेकिन इस दौरान भक्तों की श्रद्धा और आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है।

अगले साल के लिए तैयारियां

हर साल नागचंद्रेश्वर मंदिर के दर्शन के लिए लाखों भक्त उमड़ते हैं, और इस बार भी यही उम्मीद की जा रही है। प्रशासन ने अगले साल के लिए भी विशेष तैयारियां शुरू कर दी हैं ताकि भक्तों को और भी बेहतर सुविधाएं मिल सकें।

उज्जैन के मंदिरों के प्रबंधन के लिए एक नई योजना बनाई जा रही है, जिसमें नागचंद्रेश्वर मंदिर को विशेष रूप से ध्यान में रखा गया है। इस योजना के तहत मंदिर परिसर का विस्तार, सुरक्षा व्यवस्थाओं में सुधार, और भक्तों के लिए विशेष सुविधाओं की व्यवस्था की जाएगी।


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