बारामुला की बेटियों ने रचा इतिहास: 10,000 युवतियों के सामूहिक कश्मीरी लोक नृत्य ने बनाया विश्व रिकॉर्ड


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा   2024-08-12 05:53:05



बारामुला की बेटियों ने रचा इतिहास: 10,000 युवतियों के सामूहिक कश्मीरी लोक नृत्य ने बनाया विश्व रिकॉर्ड

बारामुला की बेटियों ने जोश और जुनून से लबरेज होकर कश्मीर की सांस्कृतिक धरोहर को दुनिया के सामने पेश किया। 10,000 से अधिक युवतियों ने कश्मीरी लोक नृत्य रौफ के जरिए ऐसा नृत्य प्रस्तुत किया कि वह सीधे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया। आइए जानें, कैसे इस ऐतिहासिक प्रदर्शन ने बारामुला को अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर चमका दिया।

कश्मीरी संस्कृति का जीवंत प्रदर्शन:

कश्मीर के बारामुला में आयोजित कशूर रिवाज सांस्कृतिक महोत्सव का मकसद कश्मीर की सांस्कृतिक धरोहर को संजोना और दुनिया के सामने लाना था। इस महोत्सव का आयोजन चिनार कोर के डैगर डिवीजन और बारामुला जिला प्रशासन के सहयोग से किया गया। इस कार्यक्रम ने न केवल स्थानीय लोगों का दिल जीत लिया बल्कि कश्मीरी लोक नृत्य रौफ के माध्यम से दुनिया में अपनी छाप छोड़ी।

महिला सशक्तिकरण की मिसाल:

कश्मीर की 10,000 से अधिक युवतियों ने एक साथ मिलकर रौफ नृत्य प्रस्तुत किया। यह प्रदर्शन न केवल उनकी सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक था, बल्कि महिला सशक्तिकरण का भी एक बेहतरीन उदाहरण बन गया। ये युवतियां न केवल नृत्य में माहिर थीं, बल्कि उन्होंने अपनी मेहनत और समर्पण से एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया जिसे कोई भी लंबे समय तक नहीं भुला सकेगा।

पिछले वर्षों की घटनाएं:

पिछले कुछ सालों में कश्मीर की सांस्कृतिक गतिविधियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। 2022 में भी कश्मीर में विभिन्न सांस्कृतिक महोत्सवों का आयोजन किया गया था, जिसमें स्थानीय कला और संस्कृति को प्रमोट करने पर जोर दिया गया था। बारामुला की इस ऐतिहासिक घटना ने उस सिलसिले को और आगे बढ़ाया है।

कैसे बना रिकॉर्ड:

इस मेगा इवेंट के आयोजन में महीनों की तैयारी लगी। डैगर डिवीजन और जिला प्रशासन ने मिलकर यह सुनिश्चित किया कि इस महोत्सव का हर पहलू सुचारू रूप से संचालित हो। स्थानीय युवतियों ने इस प्रदर्शन में अपनी पूरी जान लगा दी और परिणामस्वरूप, रौफ नृत्य का यह प्रदर्शन गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया।

महत्व और भविष्य की दिशा:

इस ऐतिहासिक रिकॉर्ड ने बारामुला और कश्मीर की संस्कृति को वैश्विक मंच पर लाने का काम किया है। यह न केवल एक सांस्कृतिक आयोजन था, बल्कि कश्मीर की बेटियों के आत्मविश्वास और उनकी सांस्कृतिक पहचान को भी दुनिया के सामने पेश करने का एक माध्यम बना। यह कार्यक्रम कश्मीर की संस्कृति को संजोने और उसे आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है।


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