रेलवे की क्रांति: 24,657 करोड़ की लागत से 8 नए प्रोजेक्ट्स को मिली मंजूरी, 900 किमी का होगा विस्तार


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा   2024-08-11 21:48:54



रेलवे की क्रांति: 24,657 करोड़ की लागत से 8 नए प्रोजेक्ट्स को मिली मंजूरी, 900 किमी का होगा विस्तार

भारतीय रेलवे के इतिहास में एक और क्रांति की शुरुआत होने जा रही है। हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने 24,657 करोड़ रुपये की लागत से आठ नए रेलवे प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है। ये प्रोजेक्ट्स सात राज्यों के 14 जिलों में 900 किलोमीटर तक रेलवे नेटवर्क का विस्तार करेंगे। जानिए, किस तरह ये प्रोजेक्ट्स बदलेंगे लाखों लोगों की जिंदगी और कैसे जुड़ेंगी अजंता की गुफाएं भी इस नेटवर्क से।

भारतीय रेलवे की नई दिशा: 24,657 करोड़ रुपये के आठ नए प्रोजेक्ट्स

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) ने भारतीय रेलवे के लिए आठ नए प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी है। इन प्रोजेक्ट्स की कुल लागत 24,657 करोड़ रुपये (लगभग) है और ये सात राज्यों के 14 जिलों में फैले होंगे। इन प्रोजेक्ट्स से भारतीय रेलवे का मौजूदा नेटवर्क 900 किलोमीटर तक बढ़ जाएगा, जिससे नए कनेक्शन और बेहतर मोबिलिटी सुनिश्चित होगी।

प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) द्वारा जारी किए गए बयान के अनुसार, इन प्रोजेक्ट्स से निर्माण के दौरान लगभग तीन करोड़ मैन-डेज का प्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न होगा। इन प्रोजेक्ट्स का लक्ष्य 2030-31 तक पूरा करना है, जो नया भारत के विज़न और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अहम भूमिका निभाएंगे।

प्रोजेक्ट्स का भूगोल: सात राज्यों में बदलाव की बयार

ये आठ प्रोजेक्ट्स महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, झारखंड, बिहार, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के 14 जिलों में लागू किए जाएंगे। इन प्रोजेक्ट्स के तहत 64 नए रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा, जिससे लगभग 40 लाख की आबादी के साथ 510 गांवों को सीधा लाभ मिलेगा।

इन जिलों में से कुछ मुख्य जिले हैं: पूर्व सिंहभूम (झारखंड), भद्राद्री कोठागुडेम (तेलंगाना), मल्कानगिरी (ओडिशा), कालाहांडी (ओडिशा), नबरंगपुर (ओडिशा), और रायगढ़ा (ओडिशा)। ये प्रोजेक्ट्स PM-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का हिस्सा हैं, जो मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी के लिए एक बड़ी पहल है।

अजंता की गुफाएं भी जुड़ेंगी रेलवे नेटवर्क से

इन प्रोजेक्ट्स में अजंता की गुफाओं को भारतीय रेलवे नेटवर्क से जोड़ने का प्रस्ताव भी शामिल है। अजंता की गुफाएं एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं, और इन्हें रेलवे से जोड़ने से यहाँ आने वाले पर्यटकों की संख्या में बड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद है। इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।

पिछले वर्षों के अनुभव और भविष्य की योजना

भारतीय रेलवे ने पिछले कुछ वर्षों में अपने नेटवर्क के विस्तार और सुधार के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं। 2014 के बाद से, रेलवे ने कई महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स शुरू किए हैं, जिनमें डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, हाई-स्पीड रेल और रेलवे स्टेशन के आधुनिकीकरण जैसी योजनाएं शामिल हैं।

यह ध्यान देने योग्य है कि रेलवे ने इन वर्षों में अपने परिचालन दक्षता को बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण के अनुकूल तकनीकों को भी अपनाया है। डिजिटल बुकिंग सिस्टम, पेपरलेस टिकटिंग और सौर ऊर्जा संचालित ट्रेनें जैसे कदम भारतीय रेलवे को भविष्य की दिशा में ले जा रहे हैं।

नए प्रोजेक्ट्स से संभावित प्रभाव

इन नए प्रोजेक्ट्स के माध्यम से न केवल रेलवे नेटवर्क का विस्तार होगा, बल्कि यह कई अन्य क्षेत्रों में भी व्यापक प्रभाव डालेगा। इनमें से कुछ मुख्य प्रभाव इस प्रकार हैं:

रोजगार सृजन: तीन करोड़ मैन-डेज का रोजगार इन प्रोजेक्ट्स से सृजित होगा, जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।

पर्यटन में वृद्धि: अजंता की गुफाओं को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने से पर्यटन को बड़ा बल मिलेगा। यह न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करेगा, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर को भी बढ़ावा देगा।

आवागमन की सुगमता: 900 किलोमीटर का विस्तार और 64 नए रेलवे स्टेशनों का निर्माण, लाखों लोगों के लिए आवागमन को सरल और सुलभ बनाएगा।

आर्थिक विकास: इन प्रोजेक्ट्स के माध्यम से विभिन्न जिलों और राज्यों में आर्थिक विकास को गति मिलेगी, जिससे स्थानीय व्यवसाय और उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा।

वातावरण पर प्रभाव: नए रेल कॉरिडोर और स्टेशनों के निर्माण में पर्यावरण अनुकूल तकनीकों का उपयोग किया जाएगा, जिससे यह प्रोजेक्ट्स हरित और सतत विकास की दिशा में एक कदम साबित होंगे।

भविष्य की चुनौतियां और समाधान

इन प्रोजेक्ट्स के क्रियान्वयन में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिनमें भूमि अधिग्रहण, स्थानीय समुदायों का विरोध, और तकनीकी समस्याएं शामिल हैं। हालांकि, सरकार ने इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए कई कदम उठाए हैं।

भूमि अधिग्रहण के लिए प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा और पुनर्वास योजना बनाई गई है। साथ ही, स्थानीय समुदायों के साथ संवाद और समन्वय को प्राथमिकता दी जा रही है ताकि परियोजनाओं के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की बाधा न आए।

रेलवे का नया युग

भारतीय रेलवे के लिए यह एक नया युग साबित हो सकता है, जिसमें न केवल नेटवर्क का विस्तार होगा, बल्कि सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन की दिशा में एक बड़ा कदम भी उठाया जाएगा। 24,657 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले ये प्रोजेक्ट्स, भारतीय रेलवे को वैश्विक मानकों के साथ खड़ा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे।

भारतीय रेलवे का यह विस्तार न केवल देश के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने में मदद करेगा, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में भी अहम भूमिका निभाएगा। इन प्रोजेक्ट्स के माध्यम से भारतीय रेलवे न केवल अपने यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करेगा, बल्कि पर्यावरण अनुकूल और टिकाऊ विकास की दिशा में भी आगे बढ़ेगा।


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