छत्तीसगढ़ में नक्सल टेरर फंडिंग, मोहला मानपुर पुलिस ने 5 माओवादी सहयोगियों को पकड़ा, 1 करोड़ वसूली का था टारगेट


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा   2024-08-11 08:49:49



छत्तीसगढ़ में नक्सल टेरर फंडिंग, मोहला मानपुर पुलिस ने 5 माओवादी सहयोगियों को पकड़ा, 1 करोड़ वसूली का था टारगेट

आईजी राजनांदगांव रेंज दीपक कुमार झा ने नक्सल टेरर फंडिंग का खुलासा किया। झा ने बताया कि कुछ समय पहले नक्सल सहयोगी सरजू टेकाम के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम और जनसुरक्षा अधिनियम में कार्रवाई की गई थी। सूचना के आधार पर उसके घर पर रेड की गई तो काफी विस्फोटक सामग्री और आपत्तिजनक दस्तावेज मिले थे। इस मामले में जांच जारी थी जिसमें और भी कई खुलासे हुए।

नक्सल टेरर फंडिंग का खुलासा 

दीपक कुमार झा ने बताया कि सरजू टेकाम नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के लिए काम कर रहा था। नक्सलियों की विचारधारा को अलग-अलग घूम कर उसका प्रचार-प्रसार कर रहा था। मार्च के महीने में सरजू टेकाम अपने एक साथी के साथ दिल्ली गया था। इन सब काम के लिए फंडिंग कहां से हो रही है? इसका जब हमने पता लगाया तो पता चला कि विवेक सिंह, वर्तमान में रायपुर का रहने वाला और मूलत: मोहला मानपुर का रहने वाला है। इसने ही ऑनलाइन टिकट करवाया था। विवेक सिंह की सरजू टेकाम से लगातार बात होती थी। सरजू टेकाम ने इसे किसी के माध्यम से पैसा भिजवाया और विवेक सिंह ने सरजू टेकाम और उसके एक अन्य साथी का टिकट करवाया।

नक्सलियों ने 1 करोड़ वसूली का दिया था टारगेट

आईजी ने आगे बताया कि विवेक सिंह के बारे में जब और पता लगाया गया तो पता चला कि उसका एक बैंक खाता स्टेट बैंक ऑफ मोरेशस मुंबई ब्रांच में है। इसके बाद नक्सल लेवी के बारे में खुलासा हुआ जो तेंदूपत्ता ठेकेदारों से लेवी कर वापस नक्सलियों को भेजते थे. जो बीजापुर भैरमगढ़ के नक्सल सहयोगी हैं। सोनाराम फरसा, विजय दुर्री, रामलाल करमा, राजेंद्र कड़ती यह चारों बीजापुर जिले के रहने वाले हैं। विवेक सिंह मानपुर वर्तमान रायपुर का रहने वाला है, जिन्हें गिरफ्तार किया गया है। ये सभी तेंदुपत्ता ठेकेदारों को धमकी देते थे और उनसे वसूली करते थे। साल 2022 में 1 करोड़ वसूली का टारगेट था, सिर्फ 8 महीने में ही नक्सल सहयोगियों ने 60 लाख रुपये वसूल किये थे। राजेंद्र कड़ती का बड़ा भाई भैरमगढ़ में नक्सल कमांडर भी है। ये ठेकेदारों से वसूली कर कैश, राशन और दवाइयां पहुंचाते थे। शहरी नेटवर्क के लिए हेल्प करते थे। इन्होंने ही सरजू टेकाम के कहने पर विवेक सिंह के खाते में पैसे डाले जिसके बाद विवेक ने टिकट करवाए।


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