आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जॉब वालों के लिए बढ़ रहा खतरा
के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा 2024-08-11 05:41:41
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जॉब वालों के लिए बढ़ रहा खतरा
टेक-आईटी सेक्टर में नौकरी से निकाले जाने का दौर जारी है। कंप्यूटर-लैपटॉप बनाने वाली दिग्गज कंपनी डेल (Dell) ने बड़े पैमाने पर छटनी का एलान किया है। इसकी वजह एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) को बताया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डेल ने अपनी सेल्स डिवीजन में एक बड़े री-ऑर्गेनाइजेशन (पुनर्गठन) का ऐलान किया है। बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी अपने सेल्स टीमों को सेंट्रलाइज्ड करेगी। साथ ही साथ एआई-फोकस्ड सेल्स यूनिट बनाएगी।
बड़े पैमाने पर कर्मचारी बनेंगे शिकार
इस बदलाव की वजह से डेल के लगभग 10 फीसदी कर्मचारियों की नौकरी चली जाएगी। डेल के कुल 12,500 कर्मचारी इस बदलाव का शिकार बनेंगे। डेल के सीनियर एग्जीक्यूटिव बिल स्कैनेल और जॉन बर्न का एक मेमो कर्मचारियों को मिला है। इसमें लिखा है- ग्लोबल सेल्स मॉडर्नाइजेशन अपडेट। साथ ही कहा गया है कि हम प्राथमिकताओं को दोबारा तय कर रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, डेल की सेल्स टीम ने पुष्टि की है कि कई लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया है। वहीं, मैनेजर्स के अलावा डायरेक्टर और वीपी भी छंटनी से प्रभावित हुए हैं। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब किसी कंपनी ने एआई पर ध्यान केंद्रित करने की वजह से वर्कफोर्स में कटौती की है।
दुनियाभर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बढ़ रहा दायरा
दुनियाभर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दायरा बढ़ रहा है। ऐसे में टेक कंपनियों में नौकरी में कमी आ रही है। डेल के मामले में अभी तक पता नहीं चल पाया है कि भारत में अब तक कितने कर्मचारियों को नौकरी गंवानी पड़ी है।
AI की वजह से जा सकती है और नौकरियां
मैकिंसी ग्लोबल की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन नौकरियों में ऑटोमेशन और रिपीटीशन की जरूरत पड़ती है, उन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आसानी से रिप्लेस कर देगा। इसमें कस्टमर सर्विस, फूड सर्विस और ऑफिस सपोर्ट स्टाफ जैसी नौकरियां भी शामिल हैं।
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि AI की वजह से कुछ फील्ड्स में जहां नौकरियां जाएंगी, वहीं, कुछ ऐसे भी क्षेत्र हैं जहां एआई की वजह से काम की क्वालिटी बढ़ेगी। इसमें क्रिएटिव फील्ड, बिजनेस से जुड़े लोगों को इसका फायदा होगा। इसके अलावा, साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ की फील्ड से जुड़े लोगों को ये फायदा पहुंचा सकता है।
2030 तक करोड़ों लोगों को बदलनी पड़ सकती है नौकरी
मैकिंसी ग्लोबल ने अनुमान लगाया है कि 2030 तक, एक करोड़ से ज्यादा लोगों को अपनी लाइन बदलनी पड़ सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, इसका असर ज्यादातर उन लोगों पर पड़ेगा जिनकी कम सैलरी है। जॉब मार्केट में AI के साथ बने रहने के लिए इंसानों को समय के साथ खुद को अपग्रेड भी करना होगा।
AI का व्यापक प्रभाव: विभिन्न उद्योगों में बदलाव
एआई तकनीक का व्यापक प्रभाव सिर्फ टेक इंडस्ट्री तक सीमित नहीं है। यह स्वास्थ्य, परिवहन, वित्तीय सेवाओं, और यहां तक कि शिक्षा जैसे विभिन्न उद्योगों में भी तेजी से पैठ बना रही है। स्वास्थ्य क्षेत्र में, एआई का उपयोग रोग निदान, दवा की खोज, और व्यक्तिगत उपचार योजना बनाने के लिए किया जा रहा है। परिवहन में, सेल्फ-ड्राइविंग कारें और लॉजिस्टिक्स में ऑटोमेशन ने उत्पादकता को बढ़ाने के साथ-साथ सुरक्षा को भी बढ़ाया है। वित्तीय सेवाओं में, एआई का उपयोग फ्रॉड डिटेक्शन, ट्रेडिंग, और कस्टमर सर्विस में हो रहा है। शिक्षा क्षेत्र में, व्यक्तिगत शिक्षा और एआई-आधारित ट्यूटरिंग सिस्टम्स ने शिक्षण प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और कुशल बना दिया है।
AI और रोजगार: अवसरों और चुनौतियों का द्वंद्व
एक ओर एआई रोजगार में कटौती का कारण बना है, वहीं, यह नए अवसरों का सृजन भी कर रहा है। एआई डेवलपमेंट, डेटा साइंस, मशीन लर्निंग, और अन्य तकनीकी क्षेत्रों में कुशल पेशेवरों की मांग में वृद्धि हुई है। इसके अलावा, एआई के प्रभाव के कारण, कुछ उद्योगों में नए प्रकार के रोजगार के अवसर उभर रहे हैं। उदाहरण के लिए, एआई-आधारित उपकरणों की निगरानी और रखरखाव के लिए विशेषज्ञों की आवश्यकता है।
हालांकि, इन नए अवसरों के बावजूद, चुनौती यह है कि बड़ी संख्या में कर्मचारी इन नई नौकरियों के लिए आवश्यक कौशल नहीं रखते। इस संदर्भ में, कंपनियों, सरकारों, और शैक्षणिक संस्थानों को मिलकर काम करना होगा ताकि कर्मचारियों को पुनः प्रशिक्षित किया जा सके और उन्हें भविष्य की नौकरियों के लिए तैयार किया जा सके।
AI और समाज: नैतिकता और नियामक चुनौतियाँ
एआई के बढ़ते प्रभाव ने नैतिकता और नियामक चुनौतियों को भी जन्म दिया है। एआई सिस्टम्स में संभावित बायस, प्राइवेसी के उल्लंघन, और एआई द्वारा किए गए निर्णयों की पारदर्शिता जैसे मुद्दे गंभीर चिंताएं हैं। इसके अलावा, एआई के व्यापक उपयोग ने साइबर सुरक्षा के जोखिमों को भी बढ़ा दिया है।
इन चुनौतियों का सामना करने के लिए, नियामकों और नीति निर्माताओं को सक्रिय रूप से एआई के उपयोग को नियंत्रित करने और सुरक्षित और नैतिक एआई विकास को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। एआई एथिक्स, डेटा प्राइवेसी, और साइबर सुरक्षा के लिए मजबूत नीतियों और विनियमों का निर्माण आवश्यक है ताकि एआई का उपयोग समाज के लाभ के लिए किया जा सके और इसके नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सके।