कुचामनसिटी में रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर
के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा 2024-08-10 18:19:00
कुचामनसिटी में रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर
कुचामनसिटी के राजकीय सोनी देवी सोमानी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में शिक्षा विभाग के तत्वावधान में रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस शिविर में क्षेत्र के विद्यालयों की शारीरिक शिक्षिकाओं और शिक्षकों को राजस्थान पुलिस अकादमी से प्रशिक्षित दक्ष प्रशिक्षकों द्वारा आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जानिए, कैसे यह शिविर महिलाओं को सशक्त बना रहा है और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित कर रहा है।
कुचामनसिटी के राजकीय सोनी देवी सोमानी बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है कि क्षेत्र के विद्यालयों की छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जाएं, ताकि वे अपने आप को सुरक्षित समझ सकें और किसी भी विपरीत परिस्थिति का सामना कर सकें।
प्रशिक्षण का उद्देश्य और महत्व
इस प्रशिक्षण शिविर का आयोजन शिक्षा विभाग के तत्वावधान में किया जा रहा है, जिसमें शारीरिक शिक्षिकाओं और शिक्षकों को राजस्थान पुलिस अकादमी से प्रशिक्षित दक्ष प्रशिक्षकों द्वारा आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके बाद वे शारीरिक शिक्षिकाएं और शिक्षक अपने-अपने स्कूलों में छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाएंगी।
दक्ष प्रशिक्षक उर्मिला भाकर ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य यह है कि स्कूली छात्राएं अपने आप को सुरक्षित महसूस करें और छेड़छाड़ की घटनाओं में कमी आए। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को विभिन्न तकनीकों का बुनियादी प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे वे मुसीबत या किसी तरह के उत्पीड़न के दौरान खुद का बचाव कर सकें।
आत्मरक्षा के गुर
प्रशिक्षण शिविर में आत्मरक्षा के लिए कराटे, मार्शल आर्ट, पंचेज ब्लॉकिंग, हैंड मूवमेंट और किक आदि के उपयोगी गुर सिखाए जा रहे हैं। मास्टर ट्रेनर ने बताया कि समाज में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती आपराधिक घटनाओं के मद्देनजर छात्राओं को आत्मरक्षा के लिए इस तरह के प्रशिक्षिण शिविर आयोजित करना बेहद जरूरी है। इस प्रकार के शिविर से छात्राएं शारीरिक रूप से मजबूत बनेंगी और आत्मविश्वास से भरपूर होंगी।
साइबर क्राइम से बचाव का प्रशिक्षण
इस बार प्रशिक्षण शिविर में पहली बार आत्मरक्षा प्रशिक्षण के साथ-साथ साइबर क्राइम और अन्य तरह के फ्रॉड के बारे में भी जानकारी दी जा रही है। प्रशिक्षण लेने वाली शिक्षिकाओं ने बताया कि इस नई पहल से वे अपने विद्यालयों में छात्राओं को साइबर क्राइम से बचाव के तरीकों के बारे में भी जागरूक करेंगी। यह पहल बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि आज के डिजिटल युग में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं और महिलाओं को इसकी जानकारी होना बहुत आवश्यक है।
शिविर में प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया
शिविर में शामिल शारीरिक शिक्षिकाओं और शिक्षकों ने इस पहल की प्रशंसा की और कहा कि यह प्रशिक्षण बेहद उपयोगी और महत्वपूर्ण है। एक शिक्षिका ने बताया कि आत्मरक्षा के गुर सीखने के बाद उन्हें अधिक आत्मविश्वास महसूस हो रहा है और वे अपने छात्रों को भी इसी तरह सशक्त बनाएंगी। एक अन्य शिक्षक ने कहा कि साइबर क्राइम से बचाव के लिए दी गई जानकारी बेहद उपयोगी है और वे इसे अपने विद्यालय के छात्रों के साथ साझा करेंगे।
पिछले वर्षों में आत्मरक्षा के प्रयास
पिछले वर्षों में भी राजस्थान में महिलाओं की सुरक्षा के लिए विभिन्न प्रकार के आत्मरक्षा कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। 2022 में सशक्त नारी अभियान के तहत कई स्कूलों में आत्मरक्षा के शिविर आयोजित किए गए थे। 2023 में महिला सुरक्षा सप्ताह के तहत पुलिस विभाग और शिक्षा विभाग ने मिलकर आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया था। इन अभियानों ने महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
भविष्य की योजनाएं
राज्य सरकार की योजना है कि हर वर्ष इस प्रकार के आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जाए, ताकि राज्य की सभी लड़कियां आत्मरक्षा में निपुण हो सकें। इसके अलावा, साइबर क्राइम और अन्य तरह के फ्रॉड के बारे में भी जागरूकता फैलाने के लिए नियमित कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।