संसद में पेश वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के बाद उठे विरोध के सुर, जेपीसी के पास भेजने का प्रस्ताव
के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा 2024-08-09 13:29:13
संसद में पेश वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के बाद उठे विरोध के सुर, जेपीसी के पास भेजने का प्रस्ताव
गुरुवार, 8 अगस्त 2024 को संसद का सत्र एक बार फिर से गर्मा गया, जब केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने लोकसभा में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पेश किया। इस बिल को लेकर विपक्ष के विरोध के बीच, मंत्री रिजिजू ने बिल को ज्वाइंट पार्लियामेंट कमेटी (जेपीसी) के पास भेजने की सिफारिश की। स्पीकर ओम बिरला ने भी इस पर सहमति जताई और सभी दलों से बातचीत कर कमेटी का गठन करने का आश्वासन दिया।
वक्फ बिल पर बढ़ता विवाद
वक्फ बोर्ड संशोधन बिल 2024 को लेकर राजनीतिक हलकों में तनाव बढ़ता जा रहा है। जहां एक तरफ सरकार इसे सुधार और न्याय की दिशा में एक कदम बता रही है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों के खिलाफ मान रहा है। केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने संसद में स्पष्ट किया कि यह बिल किसी के अधिकारों को छीनने के लिए नहीं, बल्कि उन्हें न्याय दिलाने के लिए है।
विपक्ष और मुस्लिम समुदाय के आरोप
विपक्षी दलों ने इस बिल को अल्पसंख्यकों के खिलाफ बताते हुए इसके प्रावधानों पर सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि सरकार इस बिल के जरिए वक्फ बोर्डों पर नियंत्रण स्थापित करना चाहती है। कई विपक्षी सांसदों ने दावा किया कि मुसलमानों को इस बिल से नुकसान होगा और उन्हें उनके अधिकारों से वंचित किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री का जवाब
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि सरकार इस बिल के जरिए उन लोगों को न्याय दिलाने की कोशिश कर रही है, जिन्हें लंबे समय से उनके अधिकारों से वंचित किया गया है। उन्होंने दावा किया कि वक्फ बोर्डों पर माफिया का कब्जा हो गया है और इस बिल के जरिए सरकार इसे समाप्त करने की कोशिश कर रही है।
विपक्ष का पलटवार
विपक्ष ने केंद्रीय मंत्री की बातों को नकारते हुए कहा कि सरकार मुसलमानों के हितों के खिलाफ कदम उठा रही है। उन्होंने इस बिल को वापस लेने की मांग की और इसे ज्वाइंट पार्लियामेंट कमेटी को भेजने का विरोध किया। विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार इस बिल के जरिए मुसलमानों को उनके अधिकारों से वंचित करने की साजिश रच रही है।
इतिहास में वक्फ बोर्ड से जुड़े मुद्दे
वक्फ बोर्डों से जुड़े विवाद नए नहीं हैं। इतिहास में कई बार वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। वक्फ संपत्तियों को लेकर मुस्लिम समुदाय में लंबे समय से असंतोष रहा है। यह असंतोष वक्फ बोर्डों की कार्यप्रणाली और उनके संचालन को लेकर भी रहा है।
पिछले कुछ वर्षों में वक्फ संपत्तियों को लेकर कई बड़े विवाद सामने आए हैं। इनमें से कई विवाद अदालतों तक पहुंचे, जहां न्यायालय ने वक्फ बोर्डों के कामकाज पर सवाल उठाए और सुधार की आवश्यकता पर बल दिया।
अगले कदम और संभावनाएं
वक्फ बोर्ड संशोधन बिल के जेपीसी के पास जाने के बाद, इस पर चर्चा और विवाद और बढ़ने की संभावना है। विपक्ष जहां इस बिल के खिलाफ लामबंद हो रहा है, वहीं सरकार इसे पास कराने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेगी।
स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि वह जल्द ही जेपीसी का गठन करेंगे और सभी दलों से इस पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि इस बिल पर विचार-विमर्श के बाद ही इसे आगे बढ़ाया जाएगा।
निष्कर्ष
वक्फ बोर्ड संशोधन बिल 2024 पर हो रहे विवाद ने एक बार फिर से देश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर बहस को हवा दे दी है। जहां सरकार इसे सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम मान रही है, वहीं विपक्ष इसे अल्पसंख्यकों के अधिकारों के खिलाफ बता रहा है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह बिल किस दिशा में जाता है और इसका राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव क्या होता है।