योगाचार्य ढाकाराम को मिला राष्ट्रीय स्तर का सम्मान, जानिए उनके प्रेरणादायक सफर की कहानी
के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा 2024-08-09 07:54:50
योगाचार्य ढाकाराम को मिला राष्ट्रीय स्तर का सम्मान, जानिए उनके प्रेरणादायक सफर की कहानी
मुंबई में आयोजित योग महोत्सव में योगाचार्य ढाकाराम को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया, जिससे योग प्रेमियों के बीच उनका योगदान और भी व्यापक हो गया है।
योग रत्न उपाधि से सम्मानित हुए योगाचार्य ढाकाराम
योग की प्राचीन परंपरा को पुनर्जीवित करने और इसे जन-जन तक पहुंचाने के अपने अतुलनीय प्रयासों के लिए योगाचार्य ढाकाराम को मुंबई में आयोजित योग महोत्सव में योग रत्न उपाधि से सम्मानित किया गया। यह उपाधि उन्हें न्यू एज योगा संस्थान के सीईओ योगाचार्य नितिन पतकीजी और इंडियन योगा एसोसिएशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष हंसा योगेंद्रजी (हंसा मां) ने प्रदान की।
योग महोत्सव 2024: प्राणायाम और ध्यान की महत्ता
मुंबई में आयोजित इस योग महोत्सव की थीम प्राणायाम और ध्यान पर केंद्रित रही। इस महोत्सव में, योगाचार्य ढाकाराम ने उपस्थित सैकड़ों योग प्रेमियों को प्राणायाम और ध्यान के महत्व के बारे में जागरूक किया। उन्होंने बताया कि कैसे ये दोनों अभ्यास न केवल हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारते हैं, बल्कि हमारे मानसिक, बौद्धिक, और आध्यात्मिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
योगाचार्य ढाकाराम का सफर: एक प्रेरणा
योगाचार्य ढाकाराम के योग क्षेत्र में योगदान की कहानी प्रेरणादायक है। उनका जन्म राजस्थान के एक साधारण परिवार में हुआ था, लेकिन योग के प्रति उनकी असीम श्रद्धा और समर्पण ने उन्हें देश के सबसे प्रतिष्ठित योगाचार्यों में से एक बना दिया। उनके संस्थान, योगापीस, ने हजारों लोगों को योग के माध्यम से एक स्वस्थ और संतुलित जीवन जीने के लिए प्रेरित किया है।
योगा महोत्सव 2024 की विशेषताएं
इस वर्ष का योग महोत्सव प्राणायाम और ध्यान के अभ्यास पर केंद्रित था। योगाचार्य ढाकाराम और हंसा मां ने महोत्सव में उपस्थित योग प्रेमियों को प्राणायाम के विभिन्न प्रकार, उनके लाभ और ध्यान की तकनीकों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने योग साधना को निरंतर बनाए रखने की प्रेरणा दी और बताया कि कैसे ये अभ्यास हमारे जीवन को संतुलित और स्वस्थ बनाते हैं।
पिछले वर्षों में योगाचार्य ढाकाराम के सम्मान
योगाचार्य ढाकाराम का यह पहला सम्मान नहीं है। इससे पहले भी उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उन्हें सम्मानित किया जा चुका है। 2019 में, उन्हें योग गुरु के रूप में मान्यता दी गई थी, जबकि 2020 में, उन्हें योग शिरोमणि उपाधि से नवाजा गया था। उनके योगदान को न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी सराहा गया है।
योग के प्रति ढाकाराम का दृष्टिकोण
योगाचार्य ढाकाराम का मानना है कि योग केवल शारीरिक अभ्यास नहीं है, बल्कि यह एक संपूर्ण जीवन शैली है। उन्होंने अपने संस्थान, योगापीस के माध्यम से लोगों को यह सिखाया है कि कैसे योग के नियमित अभ्यास से जीवन के सभी पहलुओं में सुधार लाया जा सकता है। उनका दृष्टिकोण प्राचीन योग परंपराओं को आधुनिक जीवन शैली के साथ जोड़ने का है, जिससे योग को आज के युवाओं के बीच भी लोकप्रिय बनाया जा सके।
योग प्रेमियों के लिए संदेश
योगाचार्य ढाकाराम ने योग प्रेमियों को संदेश देते हुए कहा कि योग को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएं। उन्होंने कहा कि योग न केवल हमारे शरीर को मजबूत और लचीला बनाता है, बल्कि यह हमें मानसिक शांति और संतुलन भी प्रदान करता है। उन्होंने योग साधकों को नियमित रूप से प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास करने की सलाह दी, जिससे वे अपने जीवन को संतुलित और सुखद बना सकें।
मुंबई योग महोत्सव 2024 की झलकियां
मुंबई में आयोजित इस महोत्सव में योग प्रेमियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। प्राणायाम और ध्यान के विभिन्न सत्रों में लोगों ने गहन रूप से भाग लिया और योगाचार्य ढाकाराम और हंसा मां के मार्गदर्शन में अपनी योग साधना को और अधिक गहरा किया। इस महोत्सव में, योग के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसे जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने का संदेश दिया गया।