विनेश फोगाट के संन्यास से सन्न देश! मां कुश्ती मेरे से जीत गई मैं हार गई -विनेश फोगाट


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा   2024-08-09 06:30:12



विनेश फोगाट के संन्यास से सन्न देश! मां कुश्ती मेरे से जीत गई मैं हार गई -विनेश फोगाट

8 अगस्त की सुबह 5:17 बजे, विनेश फोगाट ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए अपने संन्यास की घोषणा की। इस भावुक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि मां कुश्ती मेरे से जीत गई मैं हार गई माफ करना आपका सपना मेरी हिम्मत सब टूट चुके इससे ज्यादा ताकत नहीं रही अब। यह घोषणा उस समय आई जब पूरे देश को उनसे ओलंपिक गोल्ड की उम्मीदें थीं। लेकिन, उन्हें मात्र 100 ग्राम वजन ज्यादा होने के चलते 50 किग्रा वर्ग के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया। जिससे पूरा देश स्तब्ध रह गया।

डिस्क्वालिफिकेशन से लेकर संन्यास तक

विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक 2024 के महिलाओं की 50 किलोग्राम कुश्ती इवेंट के गोल्ड मेडल मुकाबले में अपनी जगह पक्की कर ली थी। लेकिन डिस्क्वालिफिकेशन की वजह से उन्हें प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया। इस असहनीय धक्के ने उन्हें इतना तोड़ दिया कि उन्होंने कुश्ती से संन्यास लेने का निर्णय कर लिया।

पहलवान बजरंग पुनिया की प्रतिक्रिया

टोक्यो ओलंपिक 2020 के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया ने विनेश फोगाट के संन्यास पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने लिखा कि विनेश आप हारी नहीं आपको हराया गया है, हमारे लिए आप सदैव विजेता रहेंगी। बजरंग पुनिया की यह प्रतिक्रिया दिखाती है कि देश के हर खिलाड़ी और नागरिक के दिल में विनेश फोगाट के लिए सम्मान और प्रेम है।

साक्षी मलिक का समर्थन

रियो ओलंपिक 2016 की कांस्य पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने भी विनेश के संन्यास पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि विनेश तुम नहीं हारी हर वो बेटी हारी है जिनके लिए तुम लड़ी और जीती। साक्षी मलिक की यह भावनाएं उन सभी बेटियों की आवाज़ बन गईं जो विनेश फोगाट को अपना आदर्श मानती हैं।

आचार्य प्रमोद कृष्णम की प्रतिक्रिया

पूर्व कांग्रेस नेता और कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भी विनेश का हौसला बढ़ाया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया कि देश के लिये लड़ने वाला कभी नहीं हारता, भारत को तुम पर गर्व है विनेश। जो लोग उदासी और मायूसी भरी बातें कर के मातम मना रहे हैं वो आपके क़द और पराक्रम को छोटा करने में लगे हैं, आप विजयी थीं और विजयी रहेंगी। भारत माता की जय। आचार्य प्रमोद कृष्णम की यह प्रतिक्रिया विनेश के लिए एक बड़ा संबल साबित हो सकती है।

परिजनों की प्रतिक्रिया

विनेश फोगाट के चाचा महावीर सिंह फोगाट ने कहा है कि हम सब परिवार वाले मिलकर उसे समझाएंगे कि वह 2028 के ओलंपिक की तैयारी करे। उनका यह बयान विनेश के संन्यास पर परिवार के समर्थन और सहयोग को दर्शाता है।

विनेश फोगाट की सफलता की कहानी

विनेश फोगाट का सफर संघर्षों और सफलताओं से भरा रहा है। उन्होंने 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीते थे। उनकी इस सफलता ने उन्हें भारत की सबसे सफल महिला पहलवानों में से एक बना दिया। उनके संघर्ष और सफलता की कहानी ने उन्हें लाखों लड़कियों का प्रेरणास्रोत बना दिया है।

क्या कहता है अतीत?

विनेश फोगाट ने पहले भी कई बार कठिनाइयों का सामना किया है। 2016 के रियो ओलंपिक में चोटिल होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और 2018 में शानदार वापसी की। उनकी इस यात्रा ने यह साबित किया कि हार मानना उनके शब्दकोश में नहीं है। उनके संघर्ष और अदम्य साहस ने उन्हें देश का गौरव बना दिया।

आगे की राह

विनेश फोगाट के संन्यास की घोषणा ने देश को झकझोर कर रख दिया है। लेकिन उनके परिवार और समर्थकों का मानना है कि वह जल्द ही इस सदमे से उबरकर एक नई ऊर्जा के साथ वापसी करेंगी। उनके संन्यास पर देश भर से मिल रही प्रतिक्रियाएं यह साबित करती हैं कि वह सिर्फ एक खिलाड़ी नहीं बल्कि एक प्रेरणा हैं।

आखिरी संदेश

विनेश फोगाट का संन्यास सिर्फ एक व्यक्तिगत निर्णय नहीं बल्कि एक संदेश है कि खेल में हार-जीत के बीच भी एक खिलाड़ी की भावना और संघर्ष महत्वपूर्ण होता है। उनके इस निर्णय ने देश के हर खिलाड़ी और युवा को यह सिखाया है कि असली जीत दिल और हिम्मत की होती है।


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