वक्फ कानून में बड़े बदलाव: मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों को मिलेगा प्रतिनिधित्व!"


  2024-08-08 06:50:37



वक्फ कानून में बड़े बदलाव: मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों को मिलेगा प्रतिनिधित्व!"

वक्फ बोर्डों को नियंत्रित करने वाले कानून में व्यापक बदलाव का प्रस्ताव सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया है। इस विधेयक में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों के लिए भी प्रतिनिधित्व की व्यवस्था करने का प्रावधान शामिल है, जो न केवल समुदाय के भीतर अधिक समावेशिता लाएगा बल्कि वक्फ संपत्तियों के संचालन में भी पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करेगा।

वक्फ कानून में संशोधन

वक्फ कानून में संशोधन विधेयक में कई महत्वपूर्ण बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं। सबसे प्रमुख बदलावों में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों के प्रतिनिधित्व को शामिल किया गया है। इसके साथ ही, बोहरा और आगाखानियों के लिए एक अलग औकाफ बोर्ड की स्थापना का भी प्रस्ताव है। मसौदा कानून में शिया, सुन्नी, बोहरा, आगखानी और अन्य पिछड़े वर्गों के प्रतिनिधित्व का प्रावधान है।

केंद्रीय पोर्टल और डेटाबेस

विधेयक का एक उद्देश्य वक्फ के पंजीकरण के तरीके को सुव्यवस्थित करना है। इसके लिए एक केंद्रीय पोर्टल और डेटाबेस का निर्माण किया जाएगा, जो वक्फ संपत्तियों की निगरानी और प्रबंधन में सहायता करेगा। किसी भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज करने से पहले सभी संबंधितों को उचित नोटिस के साथ राजस्व कानूनों के अनुसार उत्परिवर्तन के लिए एक विस्तृत प्रक्रिया करनी पड़ेगी।

नियमन आवश्यक क्यों?

केंद्र सरकार की राय है कि यदि वक्फ संपत्तियों का सरकार के पास रजिस्ट्रेशन हो, तो इस तरह के विवादों से बचा जा सकेगा। वक्फ की बेशकीमती संपत्तियों को वक्फ बोर्ड के कुछ सदस्यों द्वारा गलत तरीके से बेचे जाने के मामले इस समय अदालत में लंबित है। सरकार मानती है कि रजिस्ट्रेशन होने से इन संपत्तियों को गलत तरीके से बेचा-खरीदा नहीं जा सकेगा और इसका सदुपयोग गरीब मुसलमानों के हितों में किया जा सकेगा।

AIMPLB की प्रतिक्रिया

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के प्रवक्ता डॉ. एसक्यूआर इलियास ने कहा कि वक्फ बोर्ड के लिए 1954 में पहली बार कानून बना था। इसके बाद 1995 और 2013 में भी इसमें बदलाव किया गया था। 2013 में बदलाव के पहले आम मुसलमानों से बातचीत कर इसे बेहतर बनाने की बात कही गई थी। लेकिन इस सरकार ने वक्फ बोर्ड में बदलाव करने के पहले किसी से कोई बातचीत नहीं की है। ऐसे में अभी यह स्पष्ट नहीं है कि नए बदलावों में सरकार वक्फ बोर्ड में क्या-क्या परिवर्तन करना चाहती है। बातचीत न होने के कारण सरकार की मंशा पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

पिछले वर्षों की घटनाएं

2013 का संशोधन

2013 में, वक्फ कानून में महत्वपूर्ण संशोधन किए गए थे। इनमें वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और प्रबंधन के लिए नए प्रावधान शामिल थे। इस संशोधन का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों की रक्षा करना और उनके दुरुपयोग को रोकना था। इसके बावजूद, कई मामलों में वक्फ संपत्तियों के गलत उपयोग और बेचे जाने के आरोप लगे हैं, जो अभी भी अदालत में विचाराधीन हैं।

वक्फ संपत्तियों का विवाद

पिछले वर्षों में वक्फ संपत्तियों के स्वामित्व और प्रबंधन को लेकर कई विवाद सामने आए हैं। 2018 में, दिल्ली वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष के खिलाफ वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग का मामला दर्ज किया गया था। यह मामला वक्फ संपत्तियों के अनुचित प्रबंधन और भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित था। इसके अलावा, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में भी वक्फ संपत्तियों के गलत उपयोग के कई मामले सामने आए हैं।

संभावित समाधान और भविष्य की दिशा

पारदर्शिता और जवाबदेही

वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए नए कानून में कड़े प्रावधान किए गए हैं। केंद्रीय पोर्टल और डेटाबेस का उपयोग वक्फ संपत्तियों की निगरानी और प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके अलावा, वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण और उत्परिवर्तन की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया जाएगा।

समावेशी प्रतिनिधित्व

नए विधेयक में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों के लिए प्रतिनिधित्व का प्रावधान शामिल है। यह कदम वक्फ बोर्डों में अधिक समावेशिता और समानता सुनिश्चित करेगा। इससे न केवल समुदाय के भीतर अधिक विविधता आएगी बल्कि वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में भी न्याय और पारदर्शिता बढ़ेगी।

निष्कर्ष

वक्फ कानून में संशोधन विधेयक में प्रस्तावित बदलावों का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है। नए विधेयक में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों के लिए प्रतिनिधित्व का प्रावधान शामिल है, जिससे वक्फ बोर्डों में अधिक समावेशिता और न्याय सुनिश्चित हो सकेगा। हालांकि, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने सरकार द्वारा बिना बातचीत किए गए इन बदलावों पर सवाल उठाए हैं। भविष्य में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में इन संशोधनों के प्रभाव को देखने के लिए यह देखना होगा कि कैसे यह कानून लागू किया जाता है और किस हद तक यह विवादों को कम करने और वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने में सफल होता है।


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