ITR रिफंड के नाम पर हो रही है ठगी! ऐसे मैसेज से बचें और सावधान रहें
के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा 2024-08-07 20:05:36
ITR रिफंड के नाम पर हो रही है ठगी! ऐसे मैसेज से बचें और सावधान रहें
31 जुलाई को ITR फाइलिंग की आखिरी तारीख बीतते ही साइबर ठगों ने नए तरीके से लोगों को चूना लगाना शुरू कर दिया है। आयकर रिफंड के फर्जी मैसेज भेजकर ये ठग लोगों की मेहनत की कमाई पर हाथ साफ कर रहे हैं। जानिए कैसे इन ठगों के जाल में फंसने से बचें।
विस्तृत समाचार
हर साल, आयकर रिटर्न (ITR) फाइलिंग की आखिरी तारीख के बाद, साइबर ठगों की गतिविधियों में तेजी आ जाती है। इस बार भी, 31 जुलाई को ITR फाइलिंग की आखिरी तारीख बीतने के साथ ही ठगों ने लोगों को फर्जी रिफंड मैसेज भेजकर लूटने का नया पैंतरा शुरू कर दिया है।
इन फर्जी मैसेज में लिखा होता है कि आपके नाम पर 15,000 रुपए का आयकर रिफंड मंजूर हुआ है। इसके बाद, खाता नंबर वेरिफाई करने के लिए एक लिंक भेजा जाता है और उस लिंक पर क्लिक करके बैंक अकाउंट की डिटेल अपडेट करने के लिए कहा जाता है। जब करदाता उस लिंक पर क्लिक करके जानकारी भरता है, तो उसे एक ओटीपी (OTP) प्राप्त होता है। जैसे ही करदाता ओटीपी डालता है, साइबर ठग उसके बैंक खाते में सेंध लगा देते हैं और उसकी मेहनत की कमाई को उड़ा ले जाते हैं।
आयकर विभाग की चेतावनी
आयकर विभाग ने करदाताओं को इस तरह के फर्जी संदेशों से सावधान रहने की हिदायत दी है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि वे कभी भी रिफंड की जानकारी के लिए एसएमएस या ईमेल के माध्यम से बैंक डिटेल अपडेट करने के लिए नहीं कहते हैं।
आयकर विभाग ने बताया है कि इन फर्जी संदेशों में दी गई लिंक एक फर्जी वेबसाइट पर ले जाती है, जो देखने में असली वेबसाइट जैसी लगती है। जब कोई करदाता उस फर्जी वेबसाइट पर अपनी जानकारी दर्ज करता है, तो उसकी जानकारी सीधे ठगों तक पहुँच जाती है।
इस ठगी से बचने के उपाय:
फर्जी लिंक से बचें: अगर आपको आयकर रिफंड के बारे में कोई भी मैसेज मिलता है जिसमें बैंक अकाउंट नंबर या अन्य व्यक्तिगत जानकारी अपडेट करने के लिए कहा जा रहा है, तो उस पर क्लिक न करें।
वेबसाइट की जाँच करें: हमेशा आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ही जानकारी की पुष्टि करें। कोई भी जानकारी अपडेट करने के लिए सरकारी वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें।
ओटीपी साझा न करें: किसी भी अनजान व्यक्ति या वेबसाइट के साथ अपना ओटीपी साझा न करें।
संपर्क करें: अगर आपको ऐसा कोई फर्जी मैसेज मिलता है, तो तुरंत आयकर विभाग से संपर्क करें और इसकी सूचना दें।
पिछले वर्षों की घटनाएँ:
पिछले कुछ वर्षों में भी साइबर ठगों ने इसी तरह के पैंतरों का इस्तेमाल किया है। हर साल, ITR फाइलिंग के बाद ठग नए तरीके ढूँढते हैं ताकि लोगों को अपने जाल में फंसा सकें। 2020 और 2021 में, कोविड-19 महामारी के दौरान भी, ठगों ने रिफंड और सरकारी सहायता के नाम पर लोगों को लूटने के कई प्रयास किए।
साइबर सुरक्षा में जागरूकता:
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि लोगों को इस तरह के फर्जी संदेशों से सावधान रहने और जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ठगों के ये प्रयास लगातार बढ़ते जा रहे हैं और इससे निपटने के लिए लोगों को सतर्क रहना होगा।
सरकारी प्रयास:
सरकार भी इस दिशा में सक्रिय हो रही है। आयकर विभाग और साइबर सुरक्षा एजेंसियाँ लगातार लोगों को इस तरह के फर्जी संदेशों से सावधान रहने की सलाह दे रही हैं। साथ ही, साइबर ठगों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
निष्कर्ष:
साइबर ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए, करदाताओं को सतर्क रहने की आवश्यकता है। किसी भी संदिग्ध मैसेज पर प्रतिक्रिया देने से पहले उसकी सत्यता की जाँच करें और आवश्यक सावधानी बरतें।