हिरोशिमा दिवस: 78 साल बाद भी गूंज रहा है परमाणु बम का दर्द
के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा 2024-08-07 06:43:49
हिरोशिमा दिवस: 78 साल बाद भी गूंज रहा है परमाणु बम का दर्द
हर साल 6 अगस्त को, दुनिया भर में लोग हिरोशिमा दिवस मनाते हैं। यह दिन 1945 में हुए उस विनाशकारी परमाणु हमले की याद दिलाता है, जिसने न केवल जापान बल्कि पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था। आइए जानते हैं, कैसे हिरोशिमा ने अपने पुनर्निर्माण के बाद आज एक नई पहचान बनाई है।
विस्तृत समाचार
1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, संयुक्त राज्य अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा शहर पर परमाणु बम गिराया था। यह बम गिराने का मुख्य उद्देश्य जापान को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर करना था। इस बम विस्फोट के परिणामस्वरूप तत्काल 70,000 से 80,000 लोग मारे गए, और कुछ ही महीनों में यह संख्या 140,000 तक पहुँच गई। जो लोग इस हमले में बच गए, वे विकिरण के कारण गंभीर बीमारियों और विकलांगता का सामना करने लगे।
हिरोशिमा पर बम गिराए जाने के तीन दिन बाद, 9 अगस्त को, अमेरिका ने नागासाकी पर दूसरा परमाणु बम गिराया। इन हमलों के परिणामस्वरूप, जापान ने 15 अगस्त 1945 को आत्मसमर्पण कर दिया, जिससे द्वितीय विश्व युद्ध का अंत हो गया।
हिरोशिमा का पुनर्निर्माण और वर्तमान स्थिति:
आज, हिरोशिमा एक प्रमुख शहरी केंद्र है, जिसकी आबादी लगभग 1.12 मिलियन है। शहर का पुनर्निर्माण कर इसे पूरी तरह से रहने लायक बना दिया गया है। हिरोशिमा का पुनर्निर्माण उसकी तन्यकता (resilience) और सामुदायिक भावना का प्रतीक है।
शहर ने न केवल अपने बुनियादी ढांचे का पुनर्निर्माण किया है, बल्कि अपने नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी है। इस पुनर्निर्माण में जापान सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का भी बड़ा योगदान रहा है। आज, हिरोशिमा में विकिरण से संबंधित कोई प्रतिकूल स्वास्थ्य प्रभाव नहीं झेलना पड़ता है।
हर साल 6 अगस्त को, हिरोशिमा पीस मेमोरियल पार्क में शांति स्मारक समारोह आयोजित किया जाता है। इस समारोह में हजारों लोग शामिल होते हैं, जिसमें बम विस्फोट के शिकार हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। इस वर्ष, 78वीं वर्षगांठ के अवसर पर, मेयर काज़ुमी मात्सुई और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने भाग लिया।
समारोह का मुख्य आकर्षण शांति की घंटी बजाना और एक मिनट का मौन रखना है। इसके बाद, शांति के लिए कबूतर उड़ाए जाते हैं और बच्चों द्वारा शांति की प्रतिबद्धता व्यक्त की जाती है। शाम को, लालटेन तैरने के समारोह का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें हजारों लालटेन बम स्मारक के पास पानी में तैराई जाती हैं।
पिछले वर्षों की घटनाएँ:
पिछले कुछ वर्षों में हिरोशिमा दिवस के अवसर पर कई महत्वपूर्ण घटनाएँ हुई हैं। 2020 और 2021 में, कोविड-19 महामारी के कारण समारोह को सीमित किया गया था। हालांकि, इन वर्षों में भी शांति और परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए अपील की गई थी। 2022 में, यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे संघर्ष के बीच परमाणु हथियारों की धमकी एक बड़ा मुद्दा रहा और इस पर विचार-विमर्श किया गया।
2023 में, हिरोशिमा और नागासाकी बम विस्फोटों की वर्षगांठ के साथ-साथ फिल्म "ओपेनहाइमर" की रिलीज भी हुई। यह फिल्म परमाणु बम के निर्माण की कहानी बताती है और इसने इस त्रासदी को एक बार फिर से चर्चा में ला दिया।
परमाणु सुरक्षा में प्रगति:
हिरोशिमा की पुनर्प्राप्ति और चल रहे सुरक्षा उपाय परमाणु सुरक्षा में प्रगति और इसके समुदाय की तन्यकता को उजागर करते हैं। शहर ने विकिरण से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का सामना नहीं किया है और इसे पूरी तरह से सुरक्षित और रहने योग्य बना दिया गया है।
हिरोशिमा का पुनर्निर्माण इस बात का प्रमाण है कि कैसे मानव समाज सबसे बुरी त्रासदियों से उबर सकता है और एक नई शुरुआत कर सकता है। यह शहर आज शांति, प्रगति और पुनर्निर्माण का प्रतीक है।