तख्ता पलट के बाद बांग्लादेश में हालात बेकाबू, ब्रिटेन ने शरण देने से किया इनकार 


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा   2024-08-07 05:31:23



तख्ता पलट के बाद बांग्लादेश में हालात बेकाबू, ब्रिटेन ने शरण देने से किया इनकार 

बांग्लादेश की राजनीति में एक अभूतपूर्व मोड़ आया जब प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। उनके आवास पर उग्र प्रदर्शनकारियों ने हमला कर उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर किया। इसके बार प्रदर्शनकारीयों ने प्रधानमंत्री आवास से उनका सामान उठा लिया। फिलहाल देश में भारी अशांति फैल गई है।

बांग्लादेश में सत्ता का संग्राम अब नए चरण में प्रवेश कर चुका है। जहां एक ओर सेना ने सरकार चलाने का ऐलान किया है, वहीं दूसरी ओर शेख हसीना का ब्रिटेन में राजनीतिक शरण का अनुरोध अस्वीकृत कर दिया गया है।

बांग्लादेश में हफ्तों से चल रहे उग्र विरोध प्रदर्शन आखिरकार शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने के बाद लूट-पाट में तब्दील हो चुके हैं। प्रदर्शनकारियों ने ढाका स्थित उनके आधिकारिक निवास पर धावा बोल दिया और उनका सामान उठाकर ले गए। शेख हसीना, जो पिछले 15 वर्षों से बांग्लादेश की सत्ता पर काबिज थीं, अब राजनीतिक शरण के लिए भारत पहुंची हैं। सेना ने हालात को संभालते हुए देश में तात्कालिक सरकार के गठन की घोषणा की है।

पिछले घंटों के घटनाक्रम:

आर्मी का ऐलान: सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान ने घोषणा की कि सेना अब सरकार चलाएगी और जल्द ही एक अंतरिम सरकार का गठन करेगी। सेना ने सभी अवैध हत्याओं की निष्पक्ष जांच कराने का वादा भी किया है।

ब्रिटेन का शरण अस्वीकार: शेख हसीना ब्रिटेन जाने की तैयारी कर रही थीं, लेकिन ब्रिटेन ने उनके राजनीतिक शरण के अनुरोध को अस्वीकृत कर दिया है। हसीना अब फिलहाल भारत में ही रहेंगी।

हवाई अड्डा बंद: सुरक्षा कारणों से ढाका हवाई अड्डे को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। सेना ने यह निर्णय देश में शांति बहाल करने के लिए लिया है।

जेल से भागे कई आतंकी: बांग्लादेश की जेल से कई आतंकियों के भागने की खबर भी सामने आ रही है।

जमात-ए-इस्लामी ने दी धमकी: शेख हसीना द्वारा बैन किए गए संगठन जमात-ए-इस्लामी द्वारा धमकियाँ देने की ख़बरें भी सामने आ रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार जमात-ए-इस्लामी संगठन ने एलान किया है कि जहाँ भी शेख हसीना रुके वहां प्रदर्शन किया जाए साथ ही जो देश उन्हें पनाह दे उसके दूतावास का घेराव हो।  

उल्लेखनीय है कि इस संकट की शुरुआत जुलाई में हुई थी जब सरकारी नौकरियों में कोटा प्रणाली को फिर से लागू करने के खिलाफ छात्र विरोध पर उतर आए थे। पुलिस और सरकार की सख्ती के कारण यह विरोध जल्द ही सरकार विरोधी आंदोल​न में बदल गया और प्रदर्शनकारियों की मांगें तेजी से बढ़ती गईं। अंततः प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग की गई।

पिछले कई दिनों से चल रही राजनीतिक उथल-पुथल ने देश को एक नई दिशा में धकेल दिया है। आने वाले दिनों में स्थिति और भी जटिल हो सकती है, क्योंकि सेना ने सत्ता संभाल ली है और शेख हसीना भारत में शरण लिए हुए हैं। दुनिया भर की निगाहें अब बांग्लादेश पर टिकी हैं, जहां लोकतंत्र का भविष्य अधर में लटका हुआ​ है। 

भारत में सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है और दूतावास की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।


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