केरल आपदा के बाद केंद्र ने जारी किया नया ESA ड्राफ्ट: पश्चिमी घाटों की सुरक्षा पर नई पंक्ति
के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा 2024-08-04 11:23:42
केरल आपदा के बाद केंद्र ने जारी किया नया ESA ड्राफ्ट: पश्चिमी घाटों की सुरक्षा पर नई पंक्ति
केरल में हाल की प्राकृतिक आपदा ने केंद्र सरकार को पश्चिमी घाटों की सुरक्षा पर ध्यान देने के लिए मजबूर कर दिया है। इस संदर्भ में, केंद्र ने एक नया पर्यावरणीय संवेदनशील क्षेत्र (ESA) ड्राफ्ट जारी किया है, जो इस क्षेत्र की पारिस्थितिकीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाएगा। जानिए इस नए ड्राफ्ट में क्या विशेषताएँ हैं और कैसे यह पश्चिमी घाटों की सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है।
केरल में हाल ही में आई विनाशकारी आपदा के बाद, केंद्र सरकार ने पश्चिमी घाटों के लिए एक नया पर्यावरणीय संवेदनशील क्षेत्र (ESA) ड्राफ्ट जारी किया है। इस ड्राफ्ट का उद्देश्य पश्चिमी घाटों की पारिस्थितिकीय सुरक्षा को सुनिश्चित करना और पर्यावरणीय असंतुलन को रोकना है।
नई ड्राफ्ट में पश्चिमी घाटों के सभी महत्वपूर्ण पारिस्थितिकीय क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जिनमें जलस्रोत, वन्यजीव आवास, और जैव विविधता के क्षेत्र शामिल हैं। इसमें विशेष रूप से उन क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया है जो हाल की आपदा के दौरान सबसे अधिक प्रभावित हुए थे। ड्राफ्ट में यह भी प्रस्तावित किया गया है कि प्रभावित क्षेत्रों में अधिक संरक्षित नियम लागू किए जाएं और विकास गतिविधियों को नियंत्रित किया जाए।
केंद्र सरकार ने इस ड्राफ्ट को सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए जारी किया है, जिससे आम नागरिकों और पर्यावरण विशेषज्ञों को अपनी राय प्रस्तुत करने का अवसर मिला है। यह कदम सरकार की पारिस्थितिकीय सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जो दीर्घकालिक पर्यावरणीय संतुलन को सुनिश्चित करेगा।
केरल में हाल की आपदा ने पश्चिमी घाटों की पारिस्थितिकीय स्थिति को उजागर किया है और यह दिखाया है कि इस क्षेत्र में पर्यावरणीय संवेदनशीलता को लेकर गंभीर ध्यान देने की आवश्यकता है। पश्चिमी घाट जैव विविधता और जलवायु के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, और इनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना आवश्यक है। केंद्र सरकार द्वारा जारी किया गया नया ESA ड्राफ्ट इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो इन क्षेत्रों की सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देगा।