कोचिंग सेंटर त्रासदी- स्थानीय निवासियों और छात्रों ने निकाला मोमबत्ती मार्च, दी श्रद्धांजलि


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा   2024-08-04 10:40:56



कोचिंग सेंटर त्रासदी- स्थानीय निवासियों और छात्रों ने निकाला मोमबत्ती मार्च, दी श्रद्धांजलि

दिल्ली के राजिंदर नगर कोचिंग सेंटर त्रासदी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस दुखद घटना में तीन IAS अभ्यर्थियों की मौत के बाद, स्थानीय निवासियों और छात्रों ने मोमबत्ती मार्च निकाल कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। यह मार्च न केवल उनकी याद में था, बल्कि अधिकारियों से जवाबदेही और सुधार की मांग भी कर रहा था।

राजिंदर नगर की इस त्रासदी में तीन युवा छात्रों - श्रेया यादव, तान्या सोनी, और नेविन दलविन की मौत हो गई। यह दुर्घटना तब हुई जब भारी बारिश के कारण कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर गया। इस घटना ने दिल्ली की आपदा प्रतिक्रिया प्रणाली की खामियों को उजागर किया और अधिकारियों की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए।

उल्लेखनीय है कि 27 जुलाई को हुई इस घटना में देरी से पहुंची आपातकालीन सेवाएं छात्रों की जान बचाने में असफल हुई। पुलिस और दिल्ली फायर सर्विस की टीमें घटनास्थल पर समय पर नहीं पहुंच पाईं, जिससे हालात और बिगड़ गए। इसके बाद, कोचिंग सेंटर के मालिक और अन्य संबंधित व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन छात्रों और स्थानीय निवासियों का कहना है कि केवल निजी संस्थानों के मालिकों को गिरफ्तार करना पर्याप्त नहीं है, नियम विरुद्ध संचालन के लिए सरकारी अधिकारियों की भी जवाबदेही ठहराई जानी चाहिए, उनके विरुद्ध भी कार्यवाही होनी चाहिए।

3 अगस्त को, त्रासदी के एक सप्ताह बाद, स्थानीय निवासियों और छात्रों ने एकजुट होकर मोमबत्ती मार्च निकाला। इस मार्च का उद्देश्य न केवल त्रासदी के शिकार लोगों को श्रद्धांजलि देना था, बल्कि सुरक्षा और आपदा प्रबंधन में सुधार की मांग भी करना था। मार्च के दौरान, छात्रों ने हमें न्याय चाहिए और सुरक्षा हमारी प्राथमिकता जैसे नारों के साथ अपनी मांगों को सामने रखा।

दिल्ली के उपराज्यपाल ने पीड़ितों के परिवारों को ₹10 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने कोचिंग संस्थानों को विनियमित करने के लिए एक नया कानून लाने की घोषणा की है, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

इस घटना ने दिल्ली के कोचिंग सेंटरों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। उम्मीद है कि आगे से ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।


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