बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शनों ने तेज की मांग: प्रधानमंत्री हसीना के इस्तीफे की गूंज


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा   2024-08-04 10:31:06



बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शनों ने तेज की मांग: प्रधानमंत्री हसीना के इस्तीफे की गूंज

ढाका की सड़कों पर फिर से गूंज उठी है छात्रों की आवाज, जो अब प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। पिछले कुछ हफ्तों में विरोध प्रदर्शन इतने भयंकर हो गए हैं कि सरकार की पकड़ ढीली होती नजर आ रही है। आखिर क्या है इन प्रदर्शनों के पीछे की कहानी और क्यों यह मुद्दा इतना बढ़ गया है?

3 अगस्त 2024 को, बांग्लादेश की राजधानी ढाका और अन्य प्रमुख शहरों में हजारों छात्रों ने सड़कों पर उतरकर प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किए। छात्रों की प्रमुख मांग है कि प्रधानमंत्री हसीना इस्तीफा दें और हाल ही में पुनः लागू किए गए सरकारी नौकरी के कोटा प्रणाली को समाप्त किया जाए।

कोटा प्रणाली का इतिहास 1971 के स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा है, जहां स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया गया था। 2018 में बड़े विरोध प्रदर्शनों के बाद इसे समाप्त कर दिया गया था, लेकिन हाल ही में इसे पुनः लागू कर दिया गया, जिसके कारण छात्र समुदाय में भारी आक्रोश फैल गया।

उल्लेखनीय है कि 2018 में छात्र विरोध प्रदर्शनों के बाद, शेख हसीना की सरकार ने कोटा प्रणाली को समाप्त कर दिया था। लेकिन हाल ही में एक अदालत के फैसले ने इसे पुनः लागू करने का आदेश दिया, जिसके बाद छात्रों में नाराजगी बढ़ गई। विरोध प्रदर्शनों ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है और अब यह सरकार की वैधता को चुनौती दे रहा है। छात्रों की मांगें केवल कोटा प्रणाली तक सीमित नहीं हैं; वे चाहते हैं कि प्रधानमंत्री हसीना और उनकी कैबिनेट इस्तीफा दें और संसद भंग की जाए।

ऐसा माना जा रहा है कि यह प्रदर्शन केवल सरकारी नौकरी के कोटा प्रणाली के खिलाफ नहीं, बल्कि यह युवाओं के भविष्य और सरकार की नीतियों पर सवाल खड़ा कर रहा है। यह विरोध प्रदर्शन शेख हसीना की सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुका है और इस बात के संकेत दे रहा है कि अब बांग्लादेश में बदलाव की हवा चल रही है।


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