वायनाड की तबाही: चार घंटे में तीन भूस्खलन, 150 से अधिक लोगों की मौत, 200 लापता 


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा   2024-08-01 13:50:18



वायनाड की तबाही: चार घंटे में तीन भूस्खलन, 150 से अधिक लोगों की मौत, 200 लापता 

केरल के वायनाड जिले में हाल ही में हुए भूस्खलनों ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। मंगलवार की सुबह से शुरू होकर चार घंटे के भीतर हुए तीन भूस्खलनों ने 150 से अधिक लोगों की जान ले ली और सैकड़ों लोग घायल हो गए। वहीं, लगभग 200 लोग लापता बताए जा रहे हैं। इस प्राकृतिक आपदा ने राज्य को गहरे संकट में डाल दिया है, जिसमें राहत और बचाव कार्य अभी भी जारी है। हालाँकि अभी तक मौतों के अधिकारिक आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं। 

वायनाड में मंगलवार को तड़के करीब 2 बजे से रुक-रुक कर तीन बार भूस्खलन हुआ, जिससे कई घर और जीवन तहस-नहस हो गए। इस आपदा ने मेप्पडी, मुंडक्काई, और चूरालमाला जैसे इलाकों को पूरी तरह से अलग-थलग कर दिया। केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (KSDMA) के अनुसार, राहत कार्यों में फायर और रेस्क्यू टीम, नागरिक रक्षा, NDRF और स्थानीय आपातकालीन प्रतिक्रिया टीमें शामिल हैं। सेना के लगभग 200 कर्मी और 122 TA बटालियन भी राहत कार्यों में जुटी हुई हैं।

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि 116 शवों का पोस्टमार्टम पूरा कर लिया गया है। अब तक 120 से अधिक लोगों को बचाया जा चुका है और उन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। सेना और केरल फायर फोर्स ने मंगलवार रात एक अस्थायी पुल का निर्माण किया ताकि फंसे हुए लोगों को निकाला जा सके, क्योंकि पहले का पुल बाढ़ में बह गया था।

बता दें कि, इस​से पूर्व भी ​एक भूस्खलन हुआ था, जिसमें 10 लोग मारे गए थे। उस समय की रिपोर्ट में बताया गया था कि बड़ी मात्रा में पेड़ों की कटाई और जलवायु परिवर्तन जैसे मानवजनित कारकों ने इस आपदा को बढ़ावा दिया था।

इस भयावह आपदा ने केरल को एक बार फिर से पर्यावरणीय सुरक्षा की दिशा में गंभीर कदम उठाने की आवश्यकता पर बल दिया है। सरकार और जनता को मिलकर भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।​ ​


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