बिहार में आरक्षण का नया बवाल! सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला


के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा   2024-08-01 11:31:26



बिहार में आरक्षण का नया बवाल! सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

बिहार में आरक्षण को लेकर एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के उस फैसले को खारिज कर दिया है, जिसमें राज्य में आरक्षण की सीमा 50% से बढ़ाकर 65% करने की कोशिश की गई थी। यह मामला अब एक बार फिर चर्चा में है और इसका असर बिहार की राजनीतिक और सामाजिक संरचना पर गहरा हो सकता है।

मुख्य मुद्दा

सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि बिहार सरकार द्वारा 2023 में पारित संशोधन असंवैधानिक है। बिहार सरकार ने अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, पिछड़े वर्गों और अति पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की सीमा को 50% से बढ़ाकर 65% करने का प्रयास किया था। इस फैसले को चुनौती देते हुए पटना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें कहा गया था कि यह संशोधन संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 16 का उल्लंघन करता है।

राजनीतिक प्रभाव

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। यह मामला सितंबर में विस्तृत जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित किया गया है। इस फैसले के बाद बिहार में राजनीतिक दलों के बीच मतभेद और बढ़ सकते हैं, और यह चुनावी समीकरणों को भी प्रभावित कर सकता है।

सामाजिक प्रभाव

इस फैसले​ से बिहार के विभिन्न सामाजिक वर्गों पर असर पड़ेगा, खासकर उन समुदायों पर जिन्हें आरक्षण का लाभ मिलना था। यह मामला बिहार में सामाजिक न्याय और समरसता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।

निष्कर्ष

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने बिहार में आरक्षण की बहस को एक नया मोड़ दे दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस फैसले का बिहार की राजनीति और समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है।


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