नेताजी के अवशेष भारत लाने की मांग, परिजन बोले- उनकी मौत का सच सामने लाए सरकार
के कुमार आहूजा, कान्ता आहूजा 2024-07-29 07:23:21
नेताजी के अवशेष भारत लाने की मांग, परिजन बोले- उनकी मौत का सच सामने लाए सरकार
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और आजादी के महानायक सुभाष चंद्र बोस के अवशेषों को जापान से भारत लाने की मांग उठने लगी है। नेताजी के पोते चंद्र कुमार बोस ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि 18 अगस्त तक जापान के रेंकोजी से उनके अवशेषों को भारत लाया जाए। साथ ही उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार को नेताजी की मौत पर बयान भी देना चाहिए। ताकि उनके बारे में फैली अफवाहों पर लगाम लगे।
बोस ने कहा कि केंद्र सरकार ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी से संबंधित फाइलों को सार्वजनिक किया था। इसके बाद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई 10 से ज्यादा जांचों से यह स्पष्ट है कि नेताजी की मौत ताइवान में हवाई दुर्घटना में हुई थी। इसलिए जरूरी है कि भारत सरकार उनकी मौत पर अंतिम बयान जारी करे।
पश्चिम बंगाल में भाजपा के पूर्व उपाध्यक्ष चंद्र कुमार बोस ने कहा कि गुप्त फाइलों और दस्तावेजों के सार्वजनिक होने से यह साफ हो गया कि नेताजी की मौत हवाई हादसे में हुई थी। आजादी के बाद नेताजी भारत लौटना चाहते थे, लेकिन हवाई दुर्घटना में उनकी मौत हो गई। इसके चलते वह वापस नहीं लौट सके।
बोस ने कहा कि नेताजी के अवशेष रेंकोजी मंदिर में रखे गए हैं। यह बेहद अपमानजनक है। हम पिछले तीन साल से प्रधानमंत्री को पत्र लिख रहे हैं कि आजादी के नायक के अवशेष भारत की धरती को छूने चाहिए। नेताजी की बेटी अनीता बोस फाफ उनका अंतिम संस्कार भारतीय परंपरा के तहत करना चाहती हैं।
उन्होंने कहा कि इस मामले में भारत सरकार को जवाब देना चाहिए। अगर सरकार को लगता है कि यह अवशेष नेताजी के नहीं हैं तो रेंकोजी में अवशेषों के रखरखाव में सहयोग नहीं किया जाना चाहिए।
मौत का रहस्य जानने के लिए बनाए गए थे तीन आयोग
नेताजी की मौत के रहस्य से पर्दा उठाने के लिए केंद्र ने तीन जांच आयोगों का गठन किया था। उनमें से दो शाह नवाज आयोग (1956) और खोसला आयोग (1970) ने कहा कि बोस की मौत एक विमान दुर्घटना में हुई थी। तीसरे मामले में मुखर्जी आयोग (1999) ने कहा था कि वह इसमें नहीं मरे। कई लोग अभी भी मानते हैं कि नेताजी विमान दुर्घटना में बच गए थे और छिपकर रहते थे।